नागरिकता संशोधन कानून को लेकर सबसे ज्यादा हंगामा पश्चिम बंगाल में देखने को मिल रहा है, जहां एक तरफ दीदी इस कानून के खिलाफ मुखर होकर आंदोलन चला रही हैं. वहीं पश्चिम बंगाल बीजेपी अध्यक्ष लगातार इस कानून का विरोध करने वाले लोगों पर विवादित टिप्पटी कर रहे हैं. ऐसे में पश्चिम बंगाल के बीजेपी उपाध्यक्ष और सुभाष चंद्र बोस के पड़पोतो चंद्र कुमार बोस ने अपनी ही पार्टी को एक बार फिर से नसीहत देते हुए नजर आ रहे हैं.
पश्चिम बंगाल भाजपा के उपाध्यक्ष सीके बोस ने नागरिकता संशोधन कानून को लेकर एक बार फिर पार्टी के रूख से अलग हटकर टिप्पणी की है. उनका कहना है कि लोकतांत्रिक देश में आप नागरिकों के ऊपर कोई कानून नहीं थोप सकते हैं. उन्होंने पार्टी नेतृत्व को सुझाव दिया है कि हमें यह बताना चाहिए कि यह कानून धार्मिक उत्पीड़न का शिकार रहे लोगों के लिए है. उन्होंने कहा, ‘एक बार यदि कोई विधेयक कानून के तौर पर पारित हो जाता है तो राज्य सरकारे उसे मानने के लिए बाध्य हो जाती हैं. यह कानूनी प्रक्रिया है लेकिन एक लोकतांत्रिक देश में आप देश के नागिरकों पर कोई भी कानून नहीं थोप सकते हैं.’
पार्टी नेतृत्व को सुझाव देते हुए सीके बोस ने कहा, ‘मैंने अपनी पार्टी के नेतृत्व को सुझाव दिया है कि थोड़े सा संशोधन विपक्ष के पूरे अभियान पर पानी फेर देगा. हमें विशेष रूप से यह बताना होगा कि यह कानून धार्मिक उत्पीड़न का शिकार हुए अल्पसंख्यकों के लिए है. हमें किसी धर्म का उल्लेख नहीं करना चाहिए. हमारा दृष्टिकोण अलग होना चाहिए.
उन्होंने कहा, ‘हमारा काम लोगों को यह समझाना है कि हम सही हैं और वे गलत हैं. आप गाली-गलौच नहीं कर सकते हैं. सिर्फ इसलिए कि आज हमारे पास संख्या है, हम आतंक की राजनीति नहीं कर सकते. आईये हम सीएए के फायदों के बारे में लोगों को बताएं.