प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में ‘परीक्षा पे चर्चा 2020’ कार्यक्रम को संबोधित किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा मैं- आपका दोस्त, साथी और मददगार बनकर ये कार्यक्रम कर रहा हूं. मैं यहां बिल्कुल वैसे बात करूंगा जैसे आप अपने दोस्त से बात करते हैं. आपकी मेरी और बातचीत की ‘हैशटैग विदाउट फिल्टर’ के तौर पर बातचीत करेंगे. वहीं कार्यक्रम में सवाल-जवाब का सेशन शुरू हुआ. जिसमें पीएम मोदी से राजस्थान की एक स्टूडेंट यश श्री ने पहला सवाल किया.
उन्होंने पूछा- बोर्ड परीक्षा के दौरान मूड ऑफ हो जाता है. कैसे मैं खुद को प्रेरित करूं? इस पर पीएम मोदी ने कहा- मूड ऑफ अधिकतर ऐसा बाहर की परिस्थितियों की वजह से होता है. दूसरी ओर गलत सोचने की वजह से आपको मूड ऑफ होना लाजिमी है.
इस कार्यक्रम का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि छात्र तनावमुक्त होकर आगामी बोर्ड एवं प्रवेश परीक्षाएं दें. परीक्षा पर चर्चा का यह तीसरा संस्करण है. पीएम ने कहा- सिर्फ परीक्षा के अंक जिंदगी नहीं हैं. कोई एक परीक्षा पूरी जिंदगी नहीं है. ये एक महत्वपूर्ण पड़ाव है, लेकिन यही सब कुछ है, ऐसा नहीं मानना चाहिए. मैं माता-पिता से भी आग्रह करूंगा कि बच्चों से ऐसी बातें न करें कि परीक्षा ही सब कुछ है.
विफलता में सफलता हासिल करने का दिया मंत्र
‘परीक्षा पे चर्चा 2020’ के दौरान उन्होंने चद्रयान 2 का उदाहरण भी दिया और कहा- पूरा देश उम्मीद लगाए बैठा था. चंद्रयान 2 के विफल होने पर हर देशवासी का मूड ऑफ हो गया था. उन्होंने कहा- जैसे पूरे देश को चंद्रयान की असफलता से निराश हुआ था , मैं भी चंद्रयान फेल होने के बाद चैन से सो नहीं पाया था. पीएम मोदी ने कहा- मेरे कहने का मतलब ये है कि हम सभी विफलताओं में सफलता हासिल कर सकते हैं.
परिक्षा पर चर्चा कार्यक्रम प्रधानमंत्री मोदी ने दो साल पहले शुरू किया था. इस कार्यक्रम में छात्रों के पास यह सुविधा होती है कि वे अपना सवाल सीधे प्रधानमंत्री को भेज सकते हैं. यह कार्यक्रम इस उद्देश्य से शुरू किया गया है कि छात्र तनावमुक्त होकर परीक्षा दे सकें. परीक्षा पर चर्चा का पहला संस्करण 16 फरवरी, 2018 को आयोजित हुआ था और इसका दूसरा संस्करण 29 जनवरी, 2019 को हुआ था.