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बेरोजगारी, मंदी, सुस्त अर्थव्यवस्था के बीच निर्मला सीतारमण पेश करेंगी बजट, मिडिल क्लास कैसे बजट की कर रहा उम्मीद

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज देश का बजट पेश करेंगी. वैश्विक और घरेलू स्तर पर कई तरह की आर्थिक चुनौतियों का सामना कर सरकार के सामने इस बजट में कई चुनौतियां हैं. एक ओर जहां बेरोजगारी चरम सीमा को छू रही तो दूसरी ओर देश की घटती विकास दर बड़ी समस्या है. शुक्रवार को पेश हुए आर्थिक सर्वेक्षण में साल 2020-2021 में जीडीपी 6 से 6.5 फीसदी आंकी गई है. सर्वे में माना गया है कि मांग में बेहद गिरावट आई है और इसे बढ़ाने के लिए लोगों की जेब में पैसा डालना होगा.

उम्मीद की जा रही है कि आयकर में कटौती, ग्रामीण अर्थव्यवस्था और कृषि क्षेत्र और ढांचागत क्षेत्र की परियोजनाओं के लिये इस बार सरकार खजाना खोला जा सकता है. यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का यह दूसरा बजट होगा. वहीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को बजट में 2025 तक देश को पांच हजार अरब डालर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए भी रास्ता खोजना होगा और उम्मीद है कि इसी बीच बजट में सरकार इसका खाका पेश करेगी.

सरकार ने निवेश प्रोत्साहन के लिये पिछले साल सितंबर में कारपोरेट कर दरों में बड़ी कटौती कर दी और अब मांग है कि व्यक्तिगत आयकर दरों में भी कटौती की जाए. ताकी बाजार में मांग को बढ़ाया जा सके. माना जा रहा है कि इसमें छूट की न्यूनतम सीमा को ढाई लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये किया जा सकता है. व्यक्तिगत आयकर स्लैब में बदलाव के साथ ही ऊंची आय वालों के लिये एक नया स्लैब बजट में रखा जा सकता है.