नई दिल्ली: तीन दिन पहले जामिया नगर इलाके में प्रदर्शन के दौरान हुई फायरिंग में घायल हुए छात्र (शाहदाब फारूक) ने घटना को लेकर पुलिस और यूनिवर्सिटी प्रशासन पर हमला बोला है. शाहदाब ने कहा कि अगर यूनिवर्सिटी प्रशासन समय रहते पुलिस की बर्बरता को लेकर कार्रवाई करता तो इस तरह की घटना सामने नहीं आती. शाहदाब ने कहा कि पुलिस की बर्बरता के खिलाफ क्या पहले किसी यूनिवर्सिटी ने कोई एक्शन लिया.इस तरह की घटनाओं को लेकर एक्शन लेने का काम उन लोगों (केंद्र सरकार) का भी है जो इन यूनिवर्सिटी को चलाते हैं. आज अगर जामिया या जेएनयू समेत देश की अन्य यूनिवर्सिटी में छात्र सुरक्षित नहीं है तो इसके लिए सरकार भी जिम्मेदार है जो छात्रों की देखभाल नहीं कर पा रही.
बता दें कि जामिया यूनिवर्सिटी के पास हो रहे नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ प्रदर्शन में एक शख्स खुलेआम तमंचा लेकर घुसा और फिर फायरिंग कर दी थी. इस दौरान उसने फायरिंग करते हुए ‘ये लो आजादी’ भी कहा था. इस फायरिंग में एक जख्मी भी हुआ था. घटना दोपहर लगभग 1:40 बजे की थी, इसके बाद अफरा-तफरी का माहौल बन गया था. जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के छात्र राजघाट तक पदयात्रा निकालने की तैयारी कर रहे थे. तभी एक युवक आया और उसने ‘ये लो आज़ादी’ और दिल्ली पुलिस ज़िंदाबाद के नारे लगाते हुए गोली चलाई. गोली शादाब नाम के छात्र के हाथ पर लगी थी. शादाब को होली फैमिली हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था. पुलिस ने आरोपी को हिरासत में ले लिया था.
बता दें कि दिल्ली में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के विरोध में उत्तरी राज्यों के हजारों लोगों और छात्र संगठनों ने जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया. इनमें से बहुत से लोग ऐसे थे जो दक्षिणी दिल्ली के शाहीन बाग इलाके में चल रहे सीएए विरोधी धरने का भी हिस्सा रहे हैं. गैर सरकारी संगठन ‘युनाइटेड अगेंस्ट हेट’ के एक कार्यकर्ता नदीम खान ने कहा, “हम चाहते हैं कि सरकार सीएए, एनआरसी और एनपीआर के गठजोड़ को वापस ले.”