चीन में कोरोना वायरस की आफत लगातार बढ़ती जा रही है और अब इसका असर वहां के शेयर बाजार पर भी देखने को मिल रहा है. कोरोना वायरस फैलने से बढ़ी चिंताओं के चलते शंघाई शेयर बाजार 7.72 प्रतिशत गिरा गया. चीन के शेयर बाजार में पिछले पांच साल की यह सबसे बड़ी गिरावट है. शंघाई कंपोजिट इंडेक्स 229.92 अंक यानी 7.72 प्रतिशत घटकर 2,746.61 अंक पर और शेनझेन कंपोजिट इंडेक्स 8.41 प्रतिशत यानी 147.81 अंक गिरकर 1,609 अंक पर बंद हुआ. यह अगस्त 2015 के बाद की सबसे बड़ी गिरावट है.
इसके तेजी से हो रहे प्रसार का असर वैश्विक अर्थव्यवस्था पर पड़ रहा है. बाजार में निवेशकों के बीच इसे लेकर काफी डर है. हालांकि चीन के नियामकों ने बाजार को स्थिर करने के लिए कई कदम उठाए हैं. छुट्टियां शुरू होने से पहले बाजार 23 जनवरी को खुला था और उस दिन शंघाई कंपोजिट इंडेक्स 2.8 प्रतिशत गिरा था. चीन सरकार 2008 में वैश्विक मंदी और 2002-2003 में सार्स बीमारी के फैलने के बाद बाजारों में उथल-पुथल को रोकने के दौरान भी वह इस तरह के कदम उठा चुकी है. मालूम हो कि चीन की अधिकतर बड़ी कंपनियां और वित्तीय संस्थान सरकार के नियंत्रण में हैं.
सोमवार को कई क्षेत्रों की कंपनियों के शेयर में गिरावट देखी गई. चीन की दवा कंपनियों के शेयर शुरुआती कारोबार में 10 प्रतिशत तक गिर गए. इसी तरह चीन के छोटे बाजारों का सूचकांक शेनझेन कंपोजिट इंडेक्स 8.41 प्रतिशत यानी 147.81 अंक गिरकर 1,609 अंक पर बंद हुआ. कोरोना वायरस से दुनियाभर में अब तक 360 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है. वहीं चीन की मुद्रा युआन 7% प्रति डॉलर से कमजोर होकर 1% गिर गया.
हांगकांग की अर्थव्यवस्था में 2019 में 1.2 प्रतिशत की गिरावट आई. आधिकारिक रूप से सोमवार को यह जानकारी दी गई. इसमें अर्थव्यवस्था के पिछले साल मंदी आने की पुष्टि की गई है. अर्थव्यवस्था में गिरावट का कारण अमेरिका-चीन व्यापार तनाव और लोकतंत्र समर्थकों का महीनों से हो रहे विरोध प्रदर्शन है. बयान के अनुसार हांगकांग का सकल घरेलू उत्पाद में पिछले साल 1.2 प्रतिशत की गिरावट आई.