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राम भरोसे भाजपा? दिल्ली चुनाव से ठीक पहले पीएम मोदी ने खेला मंदिर पर दांव

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दिल्ली विधानसभा चुनाव में जहां सत्ताधारी आम आदमी पार्टी शिक्षा, स्वास्थ्य को लेकर चुनावी मैदान में उतरी है वहीं बीजेपी पहले तो शाहीन बाग में होने वाले नागरिकता कानून विरोध को चुनावी मुद्दा बनाना चाहा, उसके बाद चुनाव का कनेक्शन पाकिस्तान से भी जोड़ा गया लेकिन कामयाबी मिलते ना देख अब इस चुनाव को राम भरोसे लड़ने की तैयारी करने लगी नतीजा ये निकला कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने दिल्ली चुनाव के लिए जितने भी रैली-सभा को संबोधित किया है उसमें जरुर राम मंदिर के मुद्दे को उठाकर अपनी पीठ अपने हाथों थपथपाने की कोशिश कर रही है.

दिल्ली विधान सभा चुनाव के ठीक तीन दिन पहले और चुनाव प्रचार खत्म होने से मात्र तीस घंटे पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने नया दांव चला है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक संसद में श्रीराम मंदिर ट्रस्ट बनाने का ऐलान किया. इस ट्रस्ट में 15 सदस्य होंगे. जैसे ही पीएम मोदी ने इसका ऐलान किया सांसदों ने लोकसभा में जय श्री राम के नारा लगाना शुरु कर दिया. दिल्ली चुनाव से ठीक तीन दिन पहले राम मंदिर के इस ट्रम्प कार्ड पर जहां आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने निशाना साधा है. वहीं उवैशी ने भी इस फैसले को सियासी नजरिया से देख रहे हैं.

ऐलान के मुताबिक इस ट्रस्ट का नाम श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र होगा. पीएम ने कहा, केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में ‘‘श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’’ के गठन का प्रस्ताव पारित किया गया, यह ट्रस्ट अयोध्या में भगवान राम मंदिर के निर्माण और उससे संबंधित विषयों पर निर्णय के लिए पूर्ण रूप से स्वतंत्र होगा.

गृह मंत्री अमित शाह ने पीएम नरेंद्र मोदी की लोकसभा में घोषणा के बाद एक के बाद एक लगातार चार ट्वीट कर राम मंदिर तीर्थक्षेत्र के बारे में जानकारी दी. अमित शाह ने ट्वीट करते हुए कहा, ‘श्रीरामजन्मभूमि पर सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार आज भारत सरकार ने अयोध्या में प्रभु श्रीराम के भव्य मंदिर के निर्माण की दिशा में अपनी कटिबद्धता दिखाते हुए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र नाम से ट्रस्ट बनाने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है. उन्होंने अपने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में 15 ट्रस्टी होंगे, जिसमें से एक ट्रस्टी हमेशा दलित समाज से रहेगा. सामाजिक सौहार्द को मजबूत करने वाले ऐसे अभूतपूर्व निर्णय के लिए मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को अनेक अनेक बधाई देता हूं.

पीएम के ऐलान के बाद सियासी बयानबाजी शुरु हो गई है, कांग्रेस ने पीएम के ऐलान की टाइमिंग पर सवाल खड़े किए हैं. कांग्रेस नेता पीएल पुनिया ने कहा कि इसका ऐलान करने में सरकार को तीन महीने क्यों लगे? और दिल्ली चुनावों से ठीक पहले ट्रस्ट का ऐलान क्यों किया गया? वहीं AIMIM के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने घोषणा के समय पर सवाल खड़ा किया है. उन्होंने कहा कि संसद का सत्र 11 फरवरी को समाप्त हो रहा है. यह घोषणा 8 फरवरी के बाद की जा सकती है. ऐसा लगता है कि बीजेपी दिल्ली चुनावों को लेकर चिंतित है. ओवैसी ने कहा कि जिन लोगों ने बाबरी मस्जिद का ढांचा ढहाया था, उन्हें ही मंदिर बनाने का काम सौंपा जा रहा है. बाबरी मस्जिद के विध्वंस को आने वाली नस्लों को भूलने नहीं दिया जाएगा.

गौरतलब हो कि आठ फरवरी को दिल्ली में सभी 70 सीटों पर विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और गुरूवार 11 फरवरी को मतगणना होने वाला है. 2015 के चुनावों में बीजेपी को महज तीन सीटें मिली थीं. इस बार बीजेपी ने दिल्ली फतह करने के लिए मिशन 52 का लक्ष्य रखा है. पीएम मोदी, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, पूर्व अध्यक्ष और गृह मंत्री अमित शाह समेत केंद्रीय मंत्री परिषद के कई मंत्रियों, भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों और बीजेपी के 200 से ज्यादा सांसद दिल्ली की गलियों में सघन चुनाव प्रचार कर रहे हैं.इसलिए उम्मीद जताई जा रही है कि अंतिम चरण में पीएम मोदी द्वारा राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट के ऐलान को चुनावों में हिन्दू मतदाताओं के ध्रुवीकरण के लिए बड़ा हथियार साबित हो सकता है.