बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी अगले सप्ताह बाबरी मस्जिद के अवशेष पर दावा करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख करेगी. मुस्लिम पक्ष उस जगह से 1992 में गिराई गई बाबरी मस्जिद के अवशेष हटवाना चाहता है. कमेटी के संयोजक जफरयाब जिलानी ने कहा, ‘हमने अपने वकील राजीव धवन के साथ चर्चा की है और उनका भी विचार है कि हमें मस्जिद के अवशेष पर दावा करना चाहिए. लिहाजा हम अगले सप्ताह दिल्ली में बैठक कर प्रक्रिया को आगे बढ़ाएंगे.
इस याचिका के जरिए मांग की जाएगी कि राम मंदिर निर्माण से पहले जो बाबरी मस्जिद का मलबा है, उसे उन्हें दिया जाए. मुस्लिम पक्ष की ओर से वरिष्ठ वकील राजीव धवन पक्ष रखेंगे. इस बाबत अगले हफ्ते एक मीटिंग भी होगी. अयोध्या मामले पर फैसले के बाद दिसंबर 2019 में बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी ने बाबरी मस्जिद के मलबे पर अपने हक की बात कही थी. बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के कन्वीनर और मुस्लिम पक्ष के वकील जफरयाब जिलानी ने मीडिया से बातचीत में कहा था कि मस्जिद की एक-एक ईंट और जर्रा-जर्रा हमारे लिए पवित्र है.
उन्होंने उसी समय कहा था, ‘हमारी शहीद हुई मस्जिद का मलवा हमें दिया जाए. इसी मांग के साथ हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे.’ उन्होंने कहा था कि हम मलबे को महफूज रखेंगे, ताकि उसकी कोई बेइज्जती ना हो. जिलानी ने बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी की एक मीटिंग का हवाला देते हुए कहा था कि जल्द ही इस मुद्दे को लेकर बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का मंसूबा बना रही है.