नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट के द्वारा प्रमोशन में आरक्षण को लेकर की गई टिप्पणी के बाद राजनीतिक माहौल गर्मा गया है. सोमवार को संसद के अंदर कांग्रेस के सांसदों ने इस मसले को उठाया और सरकार पर जमकर निशाना साधा. कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह मनुवादियों की सरकार है. हालांकि, केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी से खुद को अलग किया और कहा कि ये भारत सरकार का कथन नहीं है.
केंद्रीय संसदीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने लोकसभा में जवाब देते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने जो फैसला किया है, उसमें भारत सरकार का कोई लेना देना नहीं है. हमारी ओर से केंद्रीय मंत्री थावर चंद गहलोत अपना बयान देंगे.
यह मनुवादियों की सरकार : अधीर रंजन
केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि ये सरकार सिर्फ मनुवाद में विश्वास रखती है, उत्तराखंड सरकार ने आरक्षण का विरोध किया है और केंद्र सरकार कह रही है कि उसका कुछ लेना-देना नहीं है. कांग्रेस नेता ने कहा कि हमारी सरकार हमेशा एससी-एसटी के अधिकारों को बचाती रही है, लेकिन इस सरकार ने सबकुछ खत्म करने का काम किया है.
आरक्षण किसी तरह की खैरात नहीं है : चिराग पासवान
सिर्फ कांग्रेस ही नहीं बल्कि एनडीए में साथी लोजपा की ओर से भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सवाल खड़े किए गए. एलजेपी अध्यक्ष चिराग पासवान ने कहा कि बाबा साहेब अंबेडकर और महात्मा गांधी की कोशिश के बाद ही यह अधिकार हम लोग को मिला है. यह संवैधानिक अधिकार है. आरक्षण किसी तरह की खैरात नहीं है. संसद में चिराग ने कहा कि लोक जनशक्ति पार्टी सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय को खारिज करती है और उसे सहमत नहीं है और मैं मांग करूंगा कि हमारी सरकार इसके बारे में अपील करे.