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बिहार : मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस के दोषी ब्रजेश ठाकुर को आजीवन कारावास की सजा

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बिहार के मुजफ्फपुर जिले में शेल्टर होम केस के दोषी पाए गए ब्रजेश ठाकुर को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. ब्रजेश ठाकुर को शेल्टर होम में कई नाबालिग बच्चियों के साथ यौन शोषण और मारपीट के दोषी पाया गया है. एडिशनल सेशन जज सौरभ कुलश्रेष्ठ ने ब्रजेश के आजीवन कारावास की सुनाई.

मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस तब प्रकाश में आया जब 26 मई 2018 में टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस (टीआईएसएस) ने बिहार सरकार को एक रिपोर्ट सौंपी थी जिसमें जिक्र किया गया था कि मुजफ्फरपुर शेल्टर होम में नाबालिग लड़कियों का यौन शोषण हो रहा है. कोर्ट ने 20 जनवरी को ब्रजेश ठाकुर को दोषी ठहराया था.

यौन शोषण के मामले में कोर्ट ने 20 आरोपियों में से 19 को दोषी पाया. ब्रजेश ठाकुर पर नाबालिग बच्चियों और युवतियों के यौन शोषण के आरोप थे जिसे दिल्ली की साकेत कोर्ट ने सही पाया. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर इस पूरे मामले की सुनवाई दिल्ली की साकेत जिला अदालत में की गई. अपने 1,546 पन्ने के जजमेंट में कोर्ट ने ब्रजेश ठाकुर को दोषी पाया है. ब्रजेश ठाकुर भारतीय दंड सहिंता की धारा 120बी (आपराधिक साजिश), 324 (खतरनाक हथियारों से चोट पहुंचाना), 323 (गंभीर शारीरिक क्षति) और उकसावे का दोषी पाया गया है.

ब्रजेश ठाकुर को प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रेन फ्रॉम सेक्सुअल अफसेंज (पॉक्सो ) के तहत भी दोषी पाया है. जुवेनाइल जस्टिस एक्ट की धारा 75 के तहत भी ब्रजेश ठाकुर दोषी पाया गया है. वहीं इस मामले में पर्याप्त सबूत न होने की वजह से एक आरोपी विक्की बरी हो गया है. महिला आरोपियों में से एक रोजी रानी को भी पॉक्सो एक्ट का दोषी माना गया है. रवि रोशन दोषी ठहराए जाने के बाद कोर्ट में ही रोने लगा और आत्महत्या करने की धमकी देने लगा.