दिल्ली में लगातार 15 वर्षों तक शासन करने वाली कांग्रेस बेहद ही बुरे दौर से गुजर रही है. पिछली बार की तरह इस बार भी दिल्ली विधानसभा चुनावों में कांग्रेस का खाता नहीं खुला. कांग्रेस के 63 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई और उसका कोई भी प्रत्याशी जीत दर्ज नहीं कर सका. इस प्रदर्शन पर कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी का भी मानना है कि उनकी पार्टी संघर्ष के दौर से गुजर रही है.
दिल्ली में कांग्रेस की हार पर प्रियंका गांधी ने कहा, ‘जनता जो करती है, सही करती है. ये हमारे लिए संघर्ष का समय है. हमें बहुत संघर्ष करना है. हम करेंगे.’ मालूम हो कि दिल्ली विधानसभा चुनावों में कांग्रेस का मत प्रतिशत पिछले बार के 9.7 प्रतिशत से गिरकर इस बार 4.27 प्रतिशत पहुंच गया.
वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एम वीरप्पा मोइली ने कहा कि कांग्रेस अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकी क्योंकि उसका वोट बैंक आप की तरफ स्थानांतरित हो गया क्योंकि उनका मानना था कि केवल वह (आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल) ही भाजपा को पराजित कर सकते है. कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री मोइली ने कहा,‘इस तरह लोग उस निष्कर्ष पर पहुंचे कि कांग्रेस पार्टी का समर्थन करने का कोई मतलब नहीं, अन्यथा इससे भाजपा को फायदा होगा.’ मोइली ने कहा कि कांग्रेस दिल्ली में इस हार के बारे में चिंतित है. यह एक सबक है जिसे हमें सीखना है.
कांग्रेस की यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी बुधवार को आज़मगढ़ पहुंचीं. वजह थी पिछले दिनों एंटी सीएए प्रोटेस्ट के दौरान पुलिस के लाठीचार्ज में घायल परिवारों से मुलाकात लेकिन अपने एक दिन के इस छोटे दौरे में प्रियंका गांधी ने एक तीर से दो निशाने की कोशिश की. एक तरफ पुलिसिया बर्बरता के खिलाफ बोलते हुए उन्होंने योगी सरकार पर निशाना साधा तो दूसरी तरफ अखिलेश यादव की संसदीय सीट आजमगढ़ में ये संकेत देने की कोशिश की कि बीजेपी के खिलाफ विपक्ष के तौर पर सपा नहीं कांग्रेस लड़ रही है.