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निर्भया केस : दोषियों को अलग-अलग फांसी देने की याचिका पर कल सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट

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नई दिल्ली: निर्भया मामले के दोषियों को अलग-अलग फांसी देने की केन्द्र की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को सुनवाई करेगा. सुप्रीम कोर्ट ने निर्भया मामले के दोषियों से कहा कि वे अलग-अलग फांसी देने की केन्द्र की याचिका पर शुक्रवार तक जवाब दाखिर करें. वहीं कोर्ट ने दोषी पवन गुप्ता के मामले में वरिष्ठ वकील अंजना प्रकाश को न्याय मित्र नियुक्त किया.

निर्भया के माता-पिता द्वारा एक याचिका दायर की गई थी, जिसमें चारों दोषियों के लिए नया डेथ वारंट जारी करने की मांग की गई है. मंगलवार को अदालत में इसपर सुनवाई हुई. मंगलवार को निर्भया की मां रो पड़ीं और कोर्ट में कहा कि मेरे अधिकार का क्या हुआ? मैं हाथ जोड़कर खड़ी हूं, कृप्या दोषियों के खिलाफ नया डेथ वारंट जारी किया जाए. मैं भी इंसान हूं. इस केस के सात साल से अधिक हो गए हैं.

निर्भया केस में सुप्रीम कोर्ट ने चारों दोषियों को फांसी की सजा सुनाई थी. इसके बाद दया याचिका और क्यूरेटिव पेटिशन के कारण से दो बार फांसी की तारीख टालनी पड़ी है. कोर्ट ने फिलहाल अनिश्चितकालीन के लिए दोषियों की फांसी की तारीख टाल दी है. निर्भया की मां रोते हुए कोर्ट से बाहर निकल गई. निकलते हुए उन्होंने कहा कि मैं अब भरोसा और विश्वास खोती जा रही हूं. कोर्ट को यह जरूर समझना होगा कि दोषी देरी करने के लिए लगातार हथकंडे अपना रहे हैं. मैं यह नहीं समझ पा रहीं हूं कि कोर्ट इस बात को क्यों नहीं समझ पा रहा है. इस दौरान निर्भया के माता-पिता ने कोर्ट के बाहर जल्दी से जल्दी डेथ वारंट जारी करने के लिए प्रदर्शन भी किया और नारे लगाए.

विनय ने अपनाया नया पैंतरा

निर्भया केस में दोषी विनय शर्मा के वकील ने फांसी टालने के लिए पैंतरा इस्तेमाल करते हुए कहा, ‘विनय शर्मा की मानसिक स्थिति सही नहीं है, मानसिक रूप से प्रताड़ित होने की वजह से विनय मेंटल ट्रॉमा से गुजर रहा है, इसलिए उसको फांसी नही दी जा सकती है.’ वकील एपी सिंह ने कहा, ‘मेरे क्लाइंट को जेल प्रशासन द्वारा कई बार मानसिक अस्पताल में भेजा गया उसको दवाइयां दी गई किसी को मानसिक अस्पताल तब भेजा जाता है जब उसकी मानसिक स्थिति सही नहीं हो. एपी सिंह ने कहा कि विनय शर्मा की मानसिक स्थिति सही नहीं है, मानसिक रूप से प्रताड़ित होने की वजह से विनय मेंटल ट्रॉमा से गुजर रहा है इसलिए उसको फांसी नही दी जा सकती है. एपी सिंह ने कहा यह विनय शर्मा के जीने के अधिकार आर्टिकल 21 का हनन है.