नई दिल्ली : दिल्ली विश्वविद्यालय के गार्गी कॉलेज में छह फरवरी को छात्राओं के साथ हुई कथित छेड़खानी के मामले में गिरफ्तार किए गए सभी 10 आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, दिल्ली की एक कोर्ट ने गार्गी कॉलेज मामले में गिरफ्तार किए गए सभी आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया. पुलिस ने सभी आरोपियों को कोर्ट में पेश किया था.
दिल्ली पुलिस ने इस घटना के सिलसिले में 10 फरवरी को प्राथमिकी दर्ज की थी. गार्गी कॉलेज में छह फरवरी को आयोजित ‘रेविएरा फेस्ट’ में पुरुषों का एक समूह घुस आया था और छात्राओं के साथ बदसलूकी की थी. सुप्रीम ने गार्गी महिला कॉलेज में सांस्कृतिक उत्सव के दौरान छात्राओं के साथ कथित छेड़छाड़ की घटना की शीर्ष अदालत की निगरानी में सीबीआई से जांच कराने के लिये दायर जनहित याचिका पर बृहस्पतिवार को विकार करने से इंकार कर दिया. प्रधान न्यायाधीश एस. ए. बोबडे, न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति सूर्य कांत की पीठ ने याचिकाकर्ता वकील मनोहर लाल शर्मा से कहा कि उन्हें इसके लिए दिल्ली हाई कोर्ट जाना चाहिए. शर्मा ने इस याचिका का उल्लेखन करते हुये पर शीघ्र सुनवाई का अनुरोध किया था.
शर्मा से पीठ ने कहा, ‘आप दिल्ली उच्च न्यायालय क्यों नहीं जाते. अगर वह याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दें तब यहां आएं.’ शीर्ष अदालत ने कहा कि वह इस मामले पर दिल्ली उच्च न्यायालय का दृष्टिकोण जानना चाहते हैं. शर्मा ने मामले से जुड़े इलेक्ट्रॉनिक सबूतों को नष्ट किए जाने का संदेह जाहिर किया था. इस पर शीर्ष अदालत ने कहा, ‘दिल्ली उच्च न्यायालय इस पर तेलंगाना उच्च न्यायालय जैसा फैसला दे सकता है, जिसमें उसने पुलिस मुठभेड़ मामले के इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य को सुरक्षित रखने को कहा था.’ शर्मा ने अपनी याचिका में अनुरोध किया था कि जांच एजेन्सी को कॉलेज परिसर में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान की सीसीटीवी फुटेज और वीडियो रिकार्डिंग जब्त करने का निर्देश दिया जाए.