अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में भड़काऊ भाषण देने वाले डॉ कफील खान अभी मथुरा जेल से नहीं रिहा हुए कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने उनके खिलाफ बड़ा एक्शन लिया है. अब योगी आदित्यनाथ की पुलिस ने डॉ. कफील के खिलाफ रासुका यानी राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत कार्रवाई की है. बता दें कि डॉ. कफील खान आज जमानत पर रिहा होने वाले थे, लेकिन रिहाई से पहले ही उन पर रासुका लगने से उनकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं.
गौरतलब है कि 12 दिसंबर को अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में डॉ कफील ने सीएए के खिलाफ भड़काऊ भाषण दिया था, जिसमें धार्मिक भावनाओं को भड़काने का एक वीडियो भी सामने आया था. जिसके बाद डॉ कफील पर अलीगढ़ प्रशासन द्वारा कार्रवाई की गई थी. भड़काऊ भाषण के बाद एसटीएफ द्वारा डॉ कफील को मुंबई के एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया था. जिसके बाद उन्हें अलीगढ़ लाया गया. लेकिन एएमयू में तनाव को देखते हुए डॉ कफील को 31 जनवरी को मथुरा जिला कारागार में शिफ्ट कर दिया गया. देर रात डॉ कफील की रिहाई का आदेश मथुरा जिला कारागार को मिला था, लेकिन देर रात होने के चलते उन्हें जेल से रिहा नहीं किया गया.
क्या है राष्ट्रीय सुरक्षा कानून
रासुका यानी राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम-1980 देश की सुरक्षा के लिए सरकार को किसी व्यक्ति को हिरासत में रखने की शक्ति देता है. यह अधिकार केंद्र और राज्य सरकार दोनों को समान रूप से मिले हैं. रासुका लगाकर किसी भी व्यक्ति को एक साल तक जेल में रखा जा सकता है. हालांकि तीन महीने से ज्यादा समय तक जेल में रखने के लिए एडवाइजरी बोर्ड की मंजूरी लेनी पड़ती है. राष्ट्र की सुरक्षा के लिए खतरा होने और कानून व्यवस्था बिगड़ने की आशंका के आधार पर रासुका लगाया जा सकता है.