Gujarat Exclusive > देश-विदेश > तुर्की के राष्ट्रपति के ड्राइवर बने इमरान खान, लोगों ने पूछा- धंधा बदल लिया क्या ?

तुर्की के राष्ट्रपति के ड्राइवर बने इमरान खान, लोगों ने पूछा- धंधा बदल लिया क्या ?

0
420

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान अपने विदेशी महमानों को खुश करने के लिए ना जाने क्या क्या करते हैं. इसी का एक जीता जागता नमूना गुरुवार को रावलपिंडी के नूर खान एयरबेस पर देखने को मिला. तुर्की के राष्ट्रपति रिसेप तैयप एर्दोगान गुरुवार को इस्लामाबाद दौरे पर थे. इमरान खान खुद एर्दोगान को लेने एयबेस पहुंच गए. गार्ड ऑफ ऑनर देने के बाद जब एर्दोगान राष्ट्रपति आरिफ अल्वी के घर के लिए रवाना हो रहे थे, तभी इमरान खान कार की ड्राइविंग सीट पर बैठ गए और एर्दोगान को लेकर निकल गए. सोशल

वीडियो में देखा जा सकता है कि इमरान खान काले रंग का सूट पहने हुए हैं और कार ड्राइव कर रहे हैं. इमरान खान के बगल की सीट में एर्दोगान नजर आ रहे हैं. हालांकि पहले एर्दोगान पीछे बैठ रहे थे लेकिन जब उन्होंने देखा की इमरान खुद कार ड्राइव करने जा रहे हैं तो वह भी ड्राइवर की बगल वाली आगे की सीट पर बैठ गए. मीडिया पर इसकी वीडियो आने के साथ ही इमरान की खिंचाई शुरू हो गई. ट्विटर पर कई तरह के कमेंट शुरू हो गए. इनमें से एक यूजर ने लिखा कि इमरान ने अपना धंधा बदल लिया है क्या.

राष्ट्रपति के घर तक चलाकर गए कार

इमरान खान एर्दोगान को लेकर सीधे राष्ट्रपति आरिफ अल्वी के घर गए. ऐसा पहली बार नहीं है जब इमरान खान ने खुद गाड़ी ड्राइव की हो. इससे पहले सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के पाकिस्तान दौरे के समय भी इमरान खान ने ऐसा ही किया था. उस वक्त भी इमरान खान को सोशल मीडिया पर काफी ट्रोल किया गया था.

कश्मीरको लेकर तुर्की ने दिया बड़ा बयान

अब जब इतनी बड़ी मेहमान नवाजी होगी तो एर्दोगान का भी फर्ज बनता है कि वह अपने मेजबान को खुश करें. एर्दोगन ने कश्मीर मुद्दे पर बिना शर्त इमरान खान को मदद करने का वादा किया. एर्दोगान ने पाकिस्तान के दोनों सदनों को संबोधित किया. अपने संबोधन में एर्दोगान ने कहा कि कश्मीर में जुल्म हो रहा है और वो चुप नहीं रहेंगे. कोई जमीन पर खींची हुई सीमा इस्लाम मानने वालों को बांट नहीं सकती हैं. तुर्की के राष्ट्रपति अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर भी वार किया. पाकिस्तान के सदन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मध्य-पूर्व में अमेरिका का शांति योजना दरअसल आक्रमणकारी नीयत है. जहां भी मुसलमान मारे जा रहे हैं वहां मुस्लिम देशों को एकजुट होने की जरूरत है.