अंकलेश्वर: अवैध सॉफ्टवेयर से तत्काल श्रेणी के रेल टिकटों की कालाबाजारी से जुड़े मामले में आरपीएफ के हाथों में बड़ी कामयाबी लगी है. गुजरात के अंकलेश्वर से आरपीएफ ने सॉफ्टवेयर इंजीनियर अमित प्रजापति को गिरफ्तार कर देश के सबसे बड़े ई-टिकट के काले कारोबार का पर्दाफाश किया है. आरपीएफ के हाथों आरोपी के पास से 7.97 करोड़ का टिकट भी लगा है. आरोपी अमित को गिरफ्तार कर पुलिस मामले की जांच कर रही है.
गुजरात के अंकलेश्वर से पकड़ा गया आरोपी अमित प्रजापति पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर है. वह ‘मैक’ तत्काल टिकट सॉफ्टवेयर का सेलर भी है. वह देश भर में अलग-अलग जगह सॉफ्टवेयर आईडी डिस्ट्रीब्यूट करता था. इसके पास से कुल 37 हजार से ज्यादा ई टिकट जब्त हुए, जिसमें साढ़े 8 हजार लाइव ई-टिकट थे, जिन्हें बेचा जाना था. इसकी कीमत 2.59 करोड़ रुपए है. इन टिकटों को ब्लॉक किया जाएगा. 29227 ई-टिकटों की बिक्री हो चुकी थी, जिसकी कीमत 7.97 करोड़ रुपए हैं. आरपीएफ के अनुसार आरोपी को कोसंबा से पकड़ा गया है. उसके पास एमएससी आईटी की डिग्री है. अमित के नीचे देश भर में लगभग 500 एजेंट काम करते थे जिसे वह मैक तत्काल टिकट सॉफ्टवेयर डिस्ट्रीब्यूट करता था.
अंकलेश्वर से पकड़े गए सुपर सेलर अमित प्रजापति से आईबी भी पूछताछ करेगी कि आखिर उसके तार कहां-कहां जुड़े हैं. इन सवालों के जवाब भी पता करने की कोशिश करेगी कि क्या वह भी आतंकी संगठन से जुड़ा हुआ है. क्या वह कोलकाता से गिरफ्तार जयंत पोद्दार से सीधे संपर्क में था. वडोदरा मंडल और मुंबई मंडल आरपीएफ टीम इस मामले में संयुक्त जांच कर रही है. गिरफ्तार एमएससी-आईटी होल्डर एजेंट रेलवे की 50 हजार पर्सनल यूजर आईडी इस्तेमाल करता था, साथ में 500 एजेंट काम करते थे.