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राहुल गांधी को फिर से सौंपी जा सकती है कांग्रेस की कमान, लोकसभा चुनाव में हार के बाद दिया था इस्तीफा

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कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में अप्रैल में राहुल गांधी की वापसी लगभग तय मानी जा रही है. यह जानकारी गुरुवार को नई दिल्ली में पार्टी सूत्रों ने दी. उन्हें यह जिम्मेदारी बजट सत्र के बाद बैसाखी पर्व के पास सौंपे जाने की उम्मीद है. राहुल गांधी को कई बार मांग उठाए जाने के बाद 2017 में निर्विरोध अध्यक्ष चुना गया था, लेकिन 2019 के आम चुनावों में पार्टी की करारी हार के बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. गांधी ने चुनाव हारने की जिम्मेदारी लेते हुए मई में इस्तीफा दिया था. एक पार्टी नेता ने कहा, “नेता मिजोरम से पोरबंदर तक स्वीकार किया जाने वाला होना चाहिए और पार्टी सभी कारकों पर विचार कर रही है.” उन्होंने कहा, “हमारे नेता को चुनने के लिए कोई भी हमें गाइड नहीं कर सकता. यह कोई बाहरी नहीं बल्कि पार्टी ही है जो तय करेगी कि हमारा नेतृत्व कौन करेगा.”

राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) ने पिछले साल अगस्त में सोनिया गांधी को अंतरिम अध्यक्ष नियुक्त किया था. कांग्रेस के कई नेता हालांकि पार्टी अध्यक्ष व सीडब्ल्यूसी सदस्यों के चुनाव की मांग कर रहे हैं, जिसमें शशि थरूर भी शामिल हैं. यह नेता सीडब्ल्यूसी के चुनावों की वकालत कर रहे हैं. थरूर ने कहा, “मैं सीडब्ल्यूसी से कार्यकर्ताओं को सक्रिय करने और मतदाताओं को प्रेरित करने के लिए नेतृत्व का चुनाव कराने की अपनी अपील को दोहराता हूं.”

कांग्रेस ने थरूर और संदीप दीक्षित के बयानों पर तुरंत प्रतिक्रिया दी है. पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, “जो सीडब्ल्यूसी की बात कर रहे हैं, उन्हें उस स्वीकृत प्रस्ताव को पढ़ना चाहिए, जिसने सोनिया गांधी को पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष नियुक्त किया.”

महाराष्ट्र के नेता संजय निरुपम ने कहा, “परिवार के बाहर से कोई भी इस मोड़ पर कांग्रेस का नेतृत्व नहीं कर सकता. राहुल गांधी एकमात्र नेता हैं, जो पार्टी का नेतृत्व कर सकते हैं और इसे बचा सकते हैं. अन्य नेता महज किसी समूह के नेता हैं और ऐसे नेता केवल गुटबाजी को बढ़ावा देते हैं.”

बता दें कि संदीप दीक्षित ने अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस के एक सवाल के जवाब में कहा कि वर्तमान में कांग्रेस के पास सबसे बड़ी और मुश्किल चुनौती एक अध्यक्ष की नियुक्ति है. इतना समय बीत जाने पर भी कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव नहीं कर पाई है. कांग्रेस के कई बड़े नेता डरते हैं, यही वजह है कि कांग्रेस अध्यक्ष की तलाश नहीं हो पाई है, डर की वजह यह है कि आखिर कौन बिल्ली के गले में घंटी बांधे. उन्होंने कहा कि कांग्रेस में कम से कम 6-8 नेता हैं, जो नेतृत्व करने में सक्षम हैं. साथ ही यह भी कहा कि कभी-कभी आप निष्क्रियता चाहते हैं क्योंकि आप एक निश्चित कार्रवाई नहीं करना चाहते हैं.