अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत दौरे को मद्देनजर रखते हुए गुजरात विधानसभा में पेश होने वाले बजट की तारीखों में बदलाव किया गया है. पहले बजट 24-25 फरवरी को पेश होने वाला था, उसे 26 फरवरी तक स्थगित कर दिया है. ऐसे में बजट से बिल्कुल पहले माइनॉरिटी कोआर्डिनेशन कमेटी (एमसीसी) नें गुजरात में द्वितीय बजट-पूर्व संवाद का आयोजन हिम्मतनगर में किया जिसमे गुजरात राज्य के बजट से अल्पसंख्यकों की अपेक्षाओं और आवंटन पर चर्चा की गयी. चर्चा की शुरुआत अब्दुल वहाब अंसारी ने की, उन्होंने विस्तार से बताया कि एमसीसी किस तरह से पूरे राज्य में अल्पसंख्यक समाज के मूलभूत प्रश्नों विकास एवं रक्षण के लिए प्रयास कर रही है.
चर्चा को आगे बढ़ाते हुए एमसीसी के कन्वीनर मुजाहिद नफ़ीस ने बताया कि गुजरात राज्य में अल्पसंख्यक समाज की आबादी 11.5% है जिसमें मुस्लिम 9.7%,जैन 1.0%, सिख 0.1%, बौद्ध 0.1%, व अन्य 0.1% हैं. गुजरात राज्य का 2019-20 का बजट लगभग 200000 करोड़ था जिसमे अल्पसंख्यक समाज के विकास और रक्षण को अनदेखा किया गया, अल्पसंख्यक समाज मुख्य धारा से बहुत पीछे है, वहीं राज्य के बजट में कोई ठोस आवंटन नहीं है जिसके चलते राज्य में अल्पसंख्यक समुदाय पीछे और पीछे जा रहा है, जिसके लिए फ़ौरन ठोस क़दम उठाने की ज़रूरत है.
गुजरात विधानसभा का बजट सत्र 2020-21 शुरू होने वाला है, जिसमे सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग के बजट में आवंटन के लिए विभाग को बजट पूर्व संवाद आयोजित करना चाहिए जिसमे अल्पसंख्यक समाज के साथ काम करने वाले व्यक्तियों और संस्थाओ को आमंत्रित कर राज्य के बजट में ठोस आवंटन करने की दिशा में ठोस क़दम उठाने की दिशा में पहल करना चाहिए.
माइनॉरिटी कोआर्डिनेशन कमेटी (एमसीसी) आने वाले दिनों में गुजरात राज्य के बजट में मुद्दावार आवंटन की अपेक्षाओं की विस्तृत पत्र सरकार, प्रशासन और राजनीतिक दलों को देने का भी प्लान बना रही है. बजट पूर्व संवाद कार्यक्रम में निसार भाई चनावाला, जानू भाई लाकड़ीवाला, इमरान बादशाह, इकबाल मलेक, कालू भाई शेख़, सुल्तान मंसूरी, असलम भाई मोड़ासिया, अब्दुल पाडियार, रफी भाई अंसारी, आफ़ताब अंसारी, सिकंदर सुमरा, सलीम भाई कानिया, जुनेद मेमन, जहाँगीर शेख़, हमीद बलोच, इमरान अलजीवाला जैसे लोग उपस्थित रखकर अपने सुझाव को साझा किया