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स्टैचू ऑफ यूनिटी की वजह से नर्मदा जिला को मिला मेडिकल कॉलेज, स्थानिक लोगों का सवाल कब होगा निर्माण?

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विशाल मिस्त्री, राजपिपणा: नर्मदा जिले के केवडिया में पीएम नरेंद्र मोदी ने स्टैचू ऑफ यूनिटी का निर्माण कर इस जगह को देश- विदेश में चर्चित कर दिया. दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा होने के नाते हजारों की तादाद में पर्यटक हर रोज यहां पहुंच रहे हैं. ऐसे में पर्यटकों को किसी भी तरीके की परेशानी का सामना ना करना पड़े इस दिशा में काम किया जा रहा है और कई योजनाएं बनाई जा रही है. स्टैचू ऑफ यूनिटी को देखने आने वाले पर्यटक और स्थानिक आदिवासियों को जल्द से जल्द स्वास्थ्य सुविधा मुहैया हो इस मकसद को लेकर केंद्र सरकार द्वारा राजपिपणा में 300 बेड वाले अस्पताल और मेडिकल कॉलेज आवंटित किया गया है, लेकिन इसका निर्माण कार्य कब शुरु होगा ये अपने आपमें कई सवाल खड़े कर रहे हैं.

राजपिपणा के साथ ही साथ नवसारी और पोरबंदर को भी मेडिकल कॉलेज आवंटित किया गया है. जिसमें भारत सरकार 60% और राज्य सरकार 40% पैसा देने वाली है तमाम मेडिकल कॉलेज के लिए 325 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. नर्मदा जिले में मेडिकल कॉलेज बनने की खबर सुनने के बाद स्थानिक लोगों में खुशी का माहौल है. लेकिन इसका निर्माण कार्य कब होगा, इस सवाल पर इलाके के लोगों में चर्चा चल रही है. दरअसल इस चर्चा के पीछे राजपिपणा का अतीत जुड़ा हुआ है. नर्मदा जिला में रहने वाले आदिवासी समुदाय के बच्चों को अच्छी शिक्षा मुहैया करवाया जा सके इसके लिए कई साल पहले एक इंजीनियरिंग कॉलेज आवंटित किया गया था, लेकिन जगह की कमी होने की वजह से आजतक वह भरुच में चल रही है.

थोड़े दिनों पहले नांदोद तालुका के भचरवाड़ा में कॉलेज के लिए जमीन का आवंटन किया गया था लेकिन चारागाह की भूमि के कारण ग्राम पंचायत इसका विरोध कर रही है. गुजरात सरकार भी इस मुद्दे को हल करने में विफल रही है. कई सालों पहले राजपिपणा में देश की प्रथम बिरसा मुंडा ट्राइबल यूनिवर्सिटी की भी स्थापना की गई थी. लेकिन अभी तक इस यूनिवर्सिटी की नींव भी नहीं डाली गई, जिसकी वजह से छात्र किराए के घर में अध्ययन कर रहे हैं. टेंडर प्रक्रिया कब पूरी होगी और बिल्डिंग का निर्माण कब होगा लोग इसका इंतजार कर रहे हैं.

राजपिपणा की नई सिविल अस्पताल जीतनगर में अधूरी बनकर पड़ी है, यह मामला वर्तमान में दो ठेकेदारों की आपसी लड़ाई की वजह से गुजरात उच्च न्यायालय में पहुंच चुका है. नर्मदा जिले में कई सरकारी भवन हैं जो बनकर तैयार खड़ी है. लेकिन उनका उद्घाटन नहीं किया जा रहा है, नर्मदा जिले के लोग केंद्र सरकार के मेडिकल कॉलेजों के आवंटन के फैसले से खुश तो जरुर हैं. लेकिन कर रहे हैं कि पहले से ही जिन सरकारी योजनाओं को आधे-अधूरे में छोड़ दिया गया है पहले उसे पूरा किया जाए उसके बाद किसी नये सपने को दिखाया जाए तो ज्यादा बेहतर होगा.