Gujarat Exclusive > गुजरात एक्सक्लूसिव > कर्ज के बोझ तले दबी गुजरात सरकार, हेलीकॉप्टर की रख-रखाव पर ₹13.23 करोड़ का खर्च

कर्ज के बोझ तले दबी गुजरात सरकार, हेलीकॉप्टर की रख-रखाव पर ₹13.23 करोड़ का खर्च

0
457

गांधीनगर: कुछ महीने पहले गुजरात सरकार ने 191 करोड़ रुपये की लागत से सीएम विजय रुपाणी और अन्य वीआईपी लोगों के लिए विमान खरीदा था. जो पिछले ढाई महीने से अहमदाबाद एयरपोर्ट पर खड़ा धूल खा रहा है. सरकारी विमानन कंपनी के पायलट नए विमान को संचालित करने के लिए प्रशिक्षण ले रहे हैं. गुजरात सरकार के बॉम्बार्डियर 12 सीटर विमान का संचालन करने का प्रशिक्षण पायलट इन दिनों कनाडा में ले रहे हैं.

विधानसभा में गुरुवार को नागरिक उड्डयन मंत्री ने ढाई दशक पुराने विमान और हेलीकॉप्टर की मरम्मत, पायलटों और कर्मचारियों पर दो साल में 13 करोड़ 23 लाख 67 हजार 894 रुपये का भारी भरकम खर्च करने की बात को कबूल किया. लिम्बडी विधायक ने गुजरात विधानसभा में बजट सत्र के दौरान सरकार से सवाल पूछा. जिसके जवाब में बताया गया कि सरकार के स्वामित्व वाले विमान-हेलीकाप्टर की देखरेख पर औसतन 6.50 करोड़ से अधिक खर्च हर साल करती है.

गुजरात सरकार ने पिछले दिनों नया बॉम्बार्डियर -650 12-सीटर विमान खरीद लिया था. जो नवीनतम तकनीक से लेस है साथ ही साथ उसका फ़ंक्शन भी अन्य विमानों से अलग हैं, इसलिए पायलट का प्रशिक्षित होना अनिवार्य माना जाता है. इसलिए पायलट विशेष प्रशिक्षण के लिए कनाडा में इन दिनों हैं. प्रशिक्षण पूरा होने के बाद ही गुजरात सरकार के विमान का संचालन किया जाएगा.

कर्ज के बोझ तले दबी गुजरात सरकार

गुजरात सरकार के ऊपर लदा कर्ज बुलेट ट्रेन की गति से भी तेज बढ़ रहा है. संशोधित अनुमानों के अनुसार सरकार का सार्वजनिक ऋण, 2.67,651 करोड़ तक पहुंच जाएगा. जो नए वित्तीय वर्ष 2020-21 के अंत में कुल बजट 28,617 करोड़ से बढ़कर 2,96,268 करोड़ हो जाएगा इसकी जानकारी राज्य के बजट दस्तावेज से प्राप्त हो रहे हैं. राज्य सरकार का कुल सार्वजनिक ऋण 31 मार्च, 2020 तक रु 2,67,651 करोड़ है.

गुजरात सरकार की कर्ज में बचत योजना यानी एनएसएसएफ की लोन का कर्ज 35,756 करोड़, केंद्र सरकार की 7,702 करोड़ का ऋण, बाजार ऋण और पावर बोंड 2,08,023 करोड़, बैंकों-वित्तीय संस्थानों द्वारा लिए गए ऋण 16,167 करोड़. इस तरह देखा जाए तो वर्ष 2020-21 तक ऋण ₹ 2,96,268 करोड़ तक पहुंच जाएगा. इसी तरह, यह 2022 के अंत तक 3,34,989 और 2023 के अंत तक 3,91,989 करोड़ तक पहुंच जाएगा.

राज्य सरकार ने घोषणा की है कि वह वर्ष 2019-20 में 44,001 करोड़ के ऋण का भुगतान करेगी. 2015 के बाद से गुजरात सरकार का कर्ज हर साल बढ़ा है. सरकार ने 2015-16 में 23,486 करोड़, 2016-17 में 27,668 करोड़, 2017-18 में 26,953 करोड़ और 2018-19 में 43,146 करोड़ का सार्वजनिक ऋण लेने का ऐलान किया है.

गुजरात सरकार रंगारंग प्रोग्राम और ट्रंप के स्वागत के पीछे जनता के पैसा से जमा हुए टेक्स को पानी की तरह बहा रही है. इतना ही नहीं नया हेलीकॉप्टर मौजूद होने के बावजूद पुराने हेलीकॉप्टर की देख रेख के लिए ₹13.23 करोड़ का खर्च कर रही जिससे साफ हो जाता है कि आने वाले दिनों में गुजरातियों के सर पर इससे भी ज्यादा कर्ज का बोझ पड़ने वाला है.