नई दिल्ली: दिल्ली हिंसा के बीच दिल्ली सरकार ने एक बड़ा फैसला लीया है. दिल्ली की जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) में लगे देश विरोधी नारों के मामले में दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने केस चलाने कि मंजूरी दे दी है. जिसके बाद अब जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष और सीपीआई नेता कन्हैया कुमार पर राजद्रोह का केस चलाया जाएगा. बता दें कि दिल्ली पुलिस ने कन्हैया पर चार्जशीट दायर की थी. लेकिन इसे दिल्ली सरकार की तरफ से मंजूरी नहीं मिली थी.
इस मामले में काफी लंबे समय से फाइल लटकी हुई थी. हांलाकि अब दिल्ली सरकार की मंजूरी के बाद कन्हैया कुमार पर राजद्रोह की धाराओं में मुकदमा चलाया जाएगा. देश विरोधी नारा लगाने के मामले में सरकार ने उमर खालिद, अनिर्बान, आकिब हुसैन, मुजीब, उमर गुल, बशरत अली और खालिद बसीर पर भी राजद्रोह का मुकदमा चलाए जाने की मंजूरी दी है.
इससे पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कन्हैया मामले पर कहा था कि जल्द कार्रवाई करेंगे. उन्होंने कहा था कि जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष और सीपीआई नेता कन्हैया कुमार के देश विरोधी नारों के मामले पर फैसला लेना उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं है, फिर भी वह इस पर जल्द निर्णय के लिए कानून विभाग से बात करेंगे.
बता दें कि दिल्ली पुलिस की तरफ से लगातार कोर्ट में कहा जा रहा था कि दिल्ली सरकार चार्जशीट को आगे नहीं बढ़ा रही है. इसे लेकर दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा ने केजरीवाल सरकार पर जमकर हमला बोला था. वहीं केजरीवाल का कहना था कि ये मामला कानून विभाग के पास है.
क्या है पूरा मामला?
9 फरवरी 2016 को जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में संसद पर हमले के मास्टरमाइंड अफजल गुरु पर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था. इस दौरान कथित रूप से देश विरोधी नारे लगाए गए थे जिसका वीडियो सामने आया था. इसके बाद मामले की जांच की गई थी और तत्कालीन जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार और 9 लोगों के खिलाफ राजद्रोह का मुकदमा दर्ज किया गया था. जिसके बाद कन्हैया कुमार को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था. हालांकि बाद में उन्हें जमानत मिल गई थी.