एसएन श्रीवास्तव ने शनिवार को दिल्ली पुलिस कमिश्नर का चार्ज संभाल लिया. अमुल्य पटनायक के रिटायर होने के बाद उनकी जगह पर आईपीएस अधिकारी एसएन श्रीवास्तव को नियुक्त किया गया है. एनएस श्रीवास्वत ने चार्ज संभालते हुए कहा कि मेरी पहली प्राथमिकता शहर में शांति बहाल करना है.
दिल्ली के पुलिस आयुक्त एसएन श्रीवास्तव ने कहा कि मेरी पहली प्राथमिकता शहर में शांति और सांप्रदायिक सद्भाव को वापस लाना है. दिल्ली दंगा में हम हत्या की धाराओं सहित दंगा के मामले दर्ज कर रहे हैं, ताकि ये घटनाएं दोबारा न हों. इसमें शामिल दोषियों की गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं. देशहित में काम करना सभी की जरूरत है, सब उसमें मदद करे. दंगाइयों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करेंगे और उनकी गिरफ्तारी की जाएगी. शांति व्यवस्था बनाए रखें.
आरोपों से घिरे रहे अमूल्य पटनायक
वहीं, दिल्ली के निवर्तमान पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक का पिछले कुछ महीने का कार्यकाल आरोपों में घिरा रहा. उन पर उत्तर-पूर्वी दिल्ली में सांप्रदायिक हिंसा पर लगाम नहीं कस पाने व कार्रवाई नहीं करने और विफल रहने, जामिया और जेएनयू जैसे मामले को अकुशलता से निपटने और पुलिस बल का मनोबल कम करने जैसे आरोप लगे. राष्ट्रीय राजधानी में इस हफ्ते तीन दशकों में सबसे भयानक दंगे हुए जिसमें आरोप लगे कि पुलिस मूकदर्शक बनी रही.
जनवरी 2017 में संभाली दिल्ली की कमान
1985 बैच के आईपीएस अधिकारी पटनायक शीर्ष पद की दौड़ में छुपे रूस्तम साबित हुए थे और 31 जनवरी 2017 को वह पुलिस आयुक्त बने. पुलिसकर्मियों का साथ नहीं देने के लिए पिछले वर्ष नवंबर में दिल्ली पुलिस के सैकड़ों कर्मियों ने पुराने पुलिस मुख्यालय पर पुलिस के शीर्ष नेतृत्व के खिलाफ धरना दिया था. तीस हजारी अदालत में वरिष्ठ अधिकारियों सहित 20 से अधिक पुलिसकर्मियों से मारपीट के मामले में शीर्ष नेतृत्व ने कोई रुख नहीं अपनाया जिससे पुलिस बल में आक्रोश था.
पटनायक को बाहर आकर सैकड़ों पुलिसकर्मियों और उनके परिवार को सांत्वना देनी पड़ी थी. उनके कार्यकाल में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ शाहीन बाग सहित राष्ट्रीय राजधानी में व्यापक प्रदर्शन हुए. पिछले वर्ष दिसंबर में दिल्ली पुलिस की काफी आलोचना हुई जब सुरक्षा बल जामिया मिल्लिया इस्लामिया के पुस्तकालय में पुलिस घुस गई और छात्रों पर कड़ी कार्रवाई की गई थी. उनमें से कई छात्र बुरी तरह जख्मी हो गए थे.
हर अधिकारी के काम करने का अपना तरीका : अजय शर्मा
पूर्व पुलिस प्रमुख अजय राज शर्मा ने कहा कि हर अधिकारी अपने तरीके से काम करता है. बल के वर्तमान मुखिया ने जो उचित समझा उस तरीके से काम किया. अगर कभी मेरे खिलाफ कार्रवाई होती है तो मैं ज्यादा कार्रवाई के लिए आलोचना किया जाना पसंद करूंगा लेकिन कार्रवाई नहीं किए जाने के लिए मैं आलोचना किया जाना पसंद नहीं करूंगा. दिल्ली पुलिस के एक अन्य प्रमुख ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर कहा कि अगर जेएनयू और जामिया जैसी घटनाएं नहीं होतीं तो उनका कार्यकाल बेहतर तरीके से याद किया जाता. अधिकारी ने कहा कि उत्तरपूर्वी दिल्ली में जब भीड़ उत्पात मचा रही थी तो पुलिस को पता नहीं था कि कैसे इस पर लगाम लगाएं. 1984 के सिख विरोधी दंगे के बाद पहली बार दिल्ली पुलिस को कार्रवाई नहीं करने के लिए आलोचनाओं का सामना करना पड़ा.