निर्भया गैंगरेप मामला जैसे ही अपने अंजाम की ओर बढ़ता दिखाई देता है, वैसे ही किसी उपन्यास की कहानी की तरह इसको लेकर संशय खड़ा हो जाता है. तय डेथ वारंट के मुताबिक चारों दोषियों को तीन मार्च (मंगलवार) को सुबह 6 बजे फांसी दी जानी है लेकिन फांसी को लेकर एकबार फिर संशय की स्थिति बरकरार है. सोमवार को निर्भया मामले के दोषी पवन ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के सामने दया याचिका दायर की.
पटियाला हाउस कोर्ट का इनकार
इससे पहले सोमवार को निर्भया गैंगरेप केस के चारों दोषियों को फांसी की सजा पर रोक लगाने से पटियाला हाउस कोर्ट ने इनकार कर दिया. वहीं आज ही सुप्रीम कोर्ट ने पवन गुप्ता की क्यूरेटिव और मंगलवार को फांसी रोकने वाली याचिका को खारिज कर दिया. उधर निर्भया की मां कहना है कि इन लोगों ने कोर्ट का बहुत वक्त बर्बाद किया है और अब कल इन सभी को फांसी दे दी जाएगी.
एपी सिंह ने दाखिल की थी अपील
दोषियों के वकील एपी सिंह ने याचिका दाखिल की थी कि डेथ वॉरंट को रोका जाए लेकिन पटियाला हाउस कोर्ट ने निर्भया को दोषियों की याचिका खारिज कर दी. दोषी अक्षय और पवन की तरफ से याचिका दाखिल करने वाले वकील एपी सिंह ने कोर्ट को बताया कि उन्होंने पवन की दया याचिका राष्ट्रपति के पास दाखिल किया है.
निर्भया की मां बोलीं, दोषियों ने किया गुमराह
पटियाला हाउस कोर्ट के फैसले के बाद निर्भया की मां ने कहा कि दोषियों ने कोर्ट का समय खराब किया है. उन्होंने कहा, ‘दोषियों ने सिस्टम को गुमराह किया है.’ निर्भया की मां ने दोषियों के वकील एपी सिंह पर भी हमला बोला और कहा कि जो कानून का रखवाला है, वही गैर कानूनी काम कर रहा है. उन्होंने कहा, ‘हमें न्याय व्यवस्था पर शुरू से ही भरोसा था. बाद में भले ही कुछ दिक्कतें आईं लेकिन हम डगमगाए नहीं. अब दोषियों को फांसी मिलेगी.’
ऐसे टल सकती है फांसी की तारीख
निर्भया के गुनाहगारों को 3 मार्च को फांसी दिए जाने की तारीख तय की गई है लेकिन निर्भया के गुनाहगार पवन की क्यूरेटिव अर्जी खारिज हो गई है. ऐसे में उसकी ओर से मर्सी पिटीशन दाखिल की गई है. अगर पवन की दया याचिका भी खारिज हो गयी तो नई तारीख पर सभी को फांसी पर लटकाया जाएगा.
मुकेश, विनय और अक्षय के विकल्प खत्म
मौजूद मामलें में निर्भया के दोषी मुकेश, विनय और अक्षय की ओर से क्यूरेटिव पिटिशन और मर्सी पिटिशन दाखिल की जा चुकी है और वह खारिज हो चुकी है लेकिन पवन की ओर से क्यूरेटिव पिटिशन और मर्सी पिटिशन पर फैसला आना बाकी है. अब पवन की क्यूरेटिव पिटिशन खारिज हो चुकी है. ऐसे में अब उसके पास केवल दया याचिका का ही विकल्प है जिसे उसने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास दाखिल कर दी है.