गांधीनगर: भारत में चुनाव आते ही किसान सुर्खियों में आ जाते हैं राजनीतिक दल किसानों को लेकर राजनीति शुरू कर देती है. सियासी दल बखूबी जानते हैं कि 45 करोड़ किसान उनके हार और जीत में कितना अहम भूमिका निभा सकते हैं. उन्हें मालूम है कि किसान की उपेक्षा कर सत्ता के सिंहासन तक नहीं पहुंचा जा सकता. गुजरात में पिछले 25 सालों से सत्ता का सुख भोग रही बीजेपी जहां दावा कर रही है कि वह किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है वहीं मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस लगातार बीजेपी पर हमला बोल ये बताने की कोशिश कर रही है कि बीजेपी किसान विरोधी है और वह किसानों के हित में काम नहीं कर रही. कुछ ऐसा ही हंगामा दिखा गुजरात विधानसभा में जब एक बार फिर से इस वर्ग को राजनीतिक मुद्दा बनाकर कांग्रेस और बीजेपी आमने सामने आ गई.
गुजरात विधानसभा में इन दिनों बजट सत्र का दौर चल रहा है आज विधानसभा में गुजरात के किसानों को मिलने वाली फसल बीमा का मुद्दा उठा. जिसके बाद कांग्रेस ने सरकार पर बीमा कंपनियों को मुनाफा देने का आरोप लगाते हुए सदन से वॉकआउट कर दिया. जिसके बाद कृषि मंत्री आरसी फाणदू ने प्रेस कान्फ्रेंस का आयोजन कर अपनी सफाई पेश की.
सरकार फसल बीमा मुद्दे पर बहस से भाग रही है: कांग्रेस
विधानसभा में चर्चा के दौरान गुजरात कांग्रेस के विधायक शैलेश परमार ने फसल बीमा को लेकर सरकार पर हमला बोला. शैलेश परमार ने राज्य सरकार के ऋण मुद्दे की आलोचना की. परमार ने कहा, “गुजरात के सिर पर 25 सालों में 2 लाख 99 हजार करोड़ का कर्ज है और ये कर्ज दिन ब दिन बढ़ता ही जा रहा है. सरकार बीमा कंपनियों को लाभान्वित कर रही है, केवल 2 किसानों को फसल बीमा का भुगतान किया गया है. वहीं दूसरी ओर वाव विधानसभा सीट की कांग्रेसी विधायक गनीबेन ठाकोर ने भी फसल बीमा को लेकर सरकार पर जमकर हमला बोला. फसल बीमा का सबसे बड़ा हकदार बनासकांठा जिला था क्योंकि सरकार ने खुद कबूल किया है कि बनासकांठा में इस साल किसानों की फसल सीजन बिल्कुल खराब रही है.
कांग्रेस ने मुझे जवाब देने नहीं दिया – कृषि मंत्री
विधानसभा में बजट सत्र के दौरान फसल बीमा को लेकर कांग्रेस ने जमकर हंगामा किया और फसल बीमा पर सरकार बहस करने से भाग रही है जैसा आरोप लगाकर कांग्रेस सदन से वॉकआउट किया जिसके बाद कृषि मंत्री आरसी फाणदू ने फसल बीमा को लेकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया. प्रेस कान्फ्रेंस को संबोधित करते हुए आरसी फाणदू ने कहा ” कांग्रेस किसानों के विषय पर चर्चा करने में बाधा बन गई है. फसल काटने के दौरान बारिश ने बाधा डाला था. सभी की मौजूदगी में सर्वे करवाया गया था. पिछले साल सरकार ने 2776 करोड़ रुपये का बीमा दिया था, कांग्रेस ने मुझे सही जवाब देने का विधानसभा में मौका ही नहीं दिया. विधानसभा में चर्चा के दौरान जब मैं जवाब दे रहा था जब ललित कगथरा बीचबीच में बोल रहे थे, हम बीमा कंपनियों पर दबाव डाल रहे हैं ”
आरसी फालदू ने आगे कहा, “खरीफ सीजन में पांच महीने तक बारिश हुई, 14 हजार 228 किसानों ने फसल बीमा के लिए आवेदन किया. केवल 660 आवेदन को फसल बीमा कंपनियों द्वारा अनुमोदित किया गया था. बनासकांठा और बोटाद किसानों के मामले को लेकर बीमा कंपनियों के साथ परामर्श चल रहा है. हम लोग राजीव गांधी नहीं कि एक रुपये भेजें और 15 पैसे मिले ”
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