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अहमदाबाद को CM रुपाणी का अद्भुत उपहार, हर्षोल्लास के साथ मिलेगा रोजगार का मौका

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अहमदाबाद: 2017 में अहमदाबाद शहर देश का पहला ‘विश्व विरासत शहर’ बना था. अहमदाबाद को विश्व विरासत शहरों में शामिल करने का कारण इसकी ऐतिहासिकता है. अहमदाबाद के किलेबंद शहर को सुल्तान अहमद शाह ने 15 वीं सदी में साबरमती नदी के किनारे बसाया था. यह शहर वास्तुकला का शानदार नमूना पेश करता है जिसमें छोटे किले, किलेबंद शहर की दीवारों और दरवाजों के साथ कई मस्जिदें और मकबरे महत्वपूर्ण हैं. दर्जा हासिल करने के बाद गुजरात सरकार ने इस शहर पर खास ध्यान दे रही है. ऐसे में गुजरात के सीएम रुपाणी ने एक बार फिर एक अद्भुत उपहार दिया है जिसकी वजह से लोगों में उत्साह तो बढ़ेगा ही साथ ही साथ रोजगार का मौका भी मुहैया होगा.

गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने अहमदाबाद के जीवन में नया हर्षोल्लास लाने के मकसद को लेकर शहर के चार तालाबों को मुफ्त में ब्यूटीफिकेशन के लिए देने का फैसला किया है. इस फैसले से जहां टहलने घूमने वाले लोगों को काफी फायदा होगा वहीं दूसरी तरफ इस फैसले से स्थानिक लोगों को बड़े पैमाने पर रोजी रोजगार भी मिलेगी. जब भी इन चारों तालाबों का ब्यूटीफिकेशन हो जाएगा तो अहमदाबाद के लोग इसका फायदा घूमने के लिए करेंगे.

सीएम रूपानी ने एक तस्वीर साझा कर इस सिलसिले में जानकारी दी, “नगरपालिका इन तालाबों का सीटी सौंदर्यीकरण आसपास के क्षेत्र के नागरिकों के मनोरंजन और पसंदीदा स्थान के रूप में विकसित करेगी.”

किन तालाबों का विकास किया जाएगा

1. वटवा का वादरवट तालाब
2. छारोडी का सरकारी तालाब
3. गोता गाँव का तालाब
4. शीलज का सरकारी तालाब

उपरोक्त चार तालाबों को नगर पालिका को सौंपा जाएंगा. जिसे विकसित कर उसे योग्य स्थान में तबदील किया जाएगा. इसलिए अहमदाबाद के लोगों को कांकरिया के अलावा अन्य विकल्प उपलब्ध होंगे. रुपाणी सरकार के इस फैसले को अहमदाबाद शहर के लिए वरदान के तौर पर देखा जा रहा है. इस फैसले से जहां लोगों को घूमने फिरने की एक बेहतर जगह मिलेगी वहीं दूसरी ओर इस कदम से पर्यावरण को काफी फायदा पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही है. लेकिन देखना दिलचस्प होगा कि इन तालाबों को विकसित करने का काम कब शुरु होता है.