कोरोना वायरस को लेकर पूरी दुनिया में खौफ का माहौल बना हुआ है. हालांकि विशेषज्ञ की मानें तो पांच संक्रमित में से चार लोग अपने आप ठीक हो जाते हैं और फिलहाल भारत के लोगों को वायरस के फैलने को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है. पिछले साल रॉयल सोसाइटी ऑफ लंदन की सदस्य चुनी गईं पहली भारतीय महिला वैज्ञानिक और क्रिश्चयन मेडिकल कॉलेज की प्रोफेसर गगनदीप कांग ने यह बात कही.
भारत में भी कोरोना वायरस के संक्रमण के मामले बढ़कर 30 हो गए हैं, जिनमें 16 इटली के पर्यटक भी शामिल हैं. इसके कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी बेल्जियम यात्रा टाल दी है. कांग ने कहा कि बीमारी की जांच भी सलाह दिए जाने के बाद ही करानी चाहिए. इस समय सभी उपचार कारगर नहीं हैं लेकिन ये मददगार हैं. उन्होंने कहा कि पांच में से चार लोग अपने आप ही ठीक हो जाते हैं और ऐसे संक्रमितों को खांसी और बुखार के लिए केवल ‘पेरासिटामोल’ जैसी दवाएं ही काफी हैं.
कांग ने कहा, ‘पांचवें आदमी को डॉक्टर को दिखाने अथवा अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत पड़ सकती है. अगर आपको सांस लेने में तकलीफ हो रही है तो आपको जल्द से जल्द डॉक्टर के पास जाना चाहिए.’ उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति को घबराने या चिंता करने की जरूरत नहीं है. हम हर दिन कई तरह के वायरस के संपर्क में आते हैं. अपने हाथों को अच्छे से धोएं और फर्श पर भी कीटाणुनाशक का पोछा लगाएं. अपने चेहरे को छूने से बचें.
मालूम हो कि दुनियाभर में 90,000 से ज्यादा लोगों को अपनी चपेट में लेकर 3100 से अधिक लोगों की जान लेने वाला कोरोना वायरस इससे पहले कभी नहीं देखा गया. नमूने लेने के बाद वायरस संक्रमण की जांच के नतीजे आने में करीब 12-24 घंटे का समय लगता है. कांग ने कहा कि इस समय देखने में आया है कि अन्य फ्लू के मुकाबले कोरोना से बच्चों में गंभीर बीमारी नहीं होती है.
उन्होंने बताया कि वतर्मान में इस बीमारी से लड़ने के लिए कोई टीका नहीं है लेकिन कई पर काम किया जा रहा है. अगर टीके को विकसित करने के प्रयास सही दिशा में जाते हैं तो अगले साल तक टीका तैयार किया जा सकता है. कांग ने सलाह दी कि अगर आपको बुखार अथवा जुकाम है तो बेहतर होगा कि आप घर से ही काम करें.
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