यस बैंक के संट के बीच एक हैरान कर देने वाली खबर पीएम मोदी के गृहराज्य गुजरात से आ रही है. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा गुरुवार को यस बैंक के ग्राहकों के लिए 50,000 रुपये की निकासी सीमा तय करने से एक दिन पहले ही वडोदरा स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट नामक कंपनी ने 265 करोड़ की राशि बैंक से निकाल ली थी.
शुक्रवार को सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक, ये राशि दूसरे बैंक में जमा कर दी गई, गुरुवार से यस बैंक ने अपने ग्राहकों के लिए के जमाकर्ताओं के लिए 50,000 रुपए की निकासी सीमा तय की है. यह व्यवस्था 30 दिन के लिए की गई है. मामले में वडोदरा महानगरपालिका के उपायुक्त (प्रशासन) सुधीर पटेल ने बताया कि स्मार्ट सिटी मिशन के तहत अनुदान के हिस्से के रूप में केंद्र से यह राशि प्राप्त हुई थी और एक स्थानीय येस बैंक शाखा में जमा की गई थी. उन्होंने दो दिन पहले ही यस बैंक की समस्याओं पर विचार किया और बैंक ऑफ बड़ौदा में इस राशि को जमा करा दिया गया.
निकासी सीमा तय होने के बाद बैंक की विभिन्न शाखाओं में परेशान ग्राहकों के फोन आते रहे और शाखाओं में लंबी कतारें देखी गईं. ग्राहकों ने सोशल मीडिया पर अपना गुस्सा निकाला. बैंक के कर्मचारियों और ग्राहकों के बीच तीखी बहस होने की घटनाएं भी सामने आई हैं. रिजर्व बैंक ने बैंक के निदेशक मंडल को भंग कर दिया हैं और स्टेट बैंक के पूर्व उप प्रबंध निदेशक और मुख्य वित्तीय अधिकारी प्रशांत कुमार को बैंक का प्रशासक नियुक्त किया गया है.
इसी बीच बैंक के मुख्यालय उसकी शाखाओं और एटीएम पर सुरक्षा भी बढ़ा गई है. बैंक का परिचालन बाधित होने से उद्यमी और छोटे कारोबारी भी प्रभावित हुए हैं. इस दौरान निजी क्षेत्र के येस बैंक के ग्राहकों ने शिकायत की कि नेट बैंकिंग काम नहीं कर रही है और कई लोगों ने सोशल मीडिया साइट ट्विटर पर अपना गुस्सा निकाला कि वे अपनी धनराशि नहीं निकाल पा रहे हैं.
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