फांसी की सजा टालने के लिए निर्भया के एक दोषी पवन का दांव उलटा पड़ रहा है. मंडावली जेल में पिटाई के मामले में दोषी पुलिसवालों पर एफआईआर की मांग पर कड़कड़डूमा अदालत ने 8 अप्रैल तक जेल प्रशासन से एक्शन टेकन रिपोर्ट तलब की है. हालांकि अदालत ने स्पष्ट कर दिया है कि इस आदेश का असर निर्भया के दोषियों की फांसी की सजा पर कतई नहीं पड़ेगा. पवन ने अपनी अर्जी में कहा था कि दो पुलिस कर्मियों ने उसे बुरी तरह से मारा था, जिससे उसके सिर में टांके आए थे.
निर्भया गैंगरेप केस के चारों दोषियों को 20 मार्च को फांसी दी जाएगी. इससे पहले दोषी पवन मंडोली जेल के दो पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर रजिस्टर कराने के लिए कोर्ट में पहुंचा था कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए 8 अप्रैल तक जेल प्रशासन से एक्शन टेकन रिपोर्ट मांगा है.
निर्भया गैंगरेप के दोषी पवन ने दिल्ली स्थित मंडोली जेल के दो पुलिसकर्मियों के खिलाफ मारपीट का आरोप लगाया है. उसका कहना है कि इससे उसके सिर में चोटें आईं. कोर्ट ने इस मामले में जेल प्रबंधन को नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा है. इससे पहले निर्भया गैंगरेप और मर्डर केस में फांसी की सजा से बचने के लिए दोषियों ने दिल्ली के उपराज्यपाल से गुहार लगाई थी. दोषी विनय शर्मा ने अपने वकील एपी सिंह के जरिए दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल से फांसी की सजा को उम्रकैद में बदलने की मांग की थी. एपी सिंह ने सीआरपीसी के सेक्शन 432 और 433 के तहत फांसी की सजा को निलंबित करने की मांग की है.
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