दिल्ली विधानसभा में शुक्रवार को राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) के खिलाफ प्रस्ताव पास हो गया. विधानसभा में सूबे के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एनपीआर और एआरसी के खिलाफ प्रस्ताव का समर्थन किया. इसके साथ ही उन्होंने केंद्र से एनपीआर और एनआरसी वापस लेने का आग्रह किया.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने विधानसभा में कहा कि गृहमंत्री अमित शाह ने सिर्फ एनपीआर पर बात की है, उन्होंने एनआरसी पर कुछ नहीं कहा. उन्होंने कहा,’ मैं राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर और नागरिकों के राष्ट्रीय रजिस्टर (NRC) के खिलाफ प्रस्ताव का समर्थन करता हूं और उन्हें दिल्ली में लागू नहीं किया जाना चाहिए.’
दरअसल, गुरुवार को राज्सभा में विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए अमित शाह (Amit shah) ने कहा कि एनपीआर के तहत कोई भी दस्तावेज नहीं मांगे जाएंगे. इससे किसी को डरने की जरुरत नहीं है. एनपीआर और एनआरसी पर चर्चा के लिए बुलाए गए एक दिवसीय विशेष सत्र में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र से इन्हें वापस लेने की अपील की. केजरीवाल ने सवाल किया, ‘मेरे, मेरे पत्नी, मेरे पूरे कैबिनेट के पास नागरिकता साबित करने के लिए जन्म प्रमाण पत्र नहीं है. क्या हमें निरोध केंद्र भेजा जाएगा?’
केजरीवाल ने केंद्रीय मंत्रियों से कहा कि वे दिखाएं कि क्या उनके पास सरकारी एजेंसियों द्वारा जारी जन्म प्रमाण पत्र हैं? केजरीवाल ने विधानसभा में विधायकों से कहा कि यदि उनके पास जन्म प्रमाण पत्र हैं, तो वे हाथ उठाएं. इसके बाद दिल्ली विधानसभा के 70 सदस्यों में से केवल 9 विधायकों ने हाथ उठाए. मुख्यमंत्री ने कहा, ‘सदन में 61 सदस्यों के पास जन्म प्रमाण पत्र नहीं हैं.क्या उन्हें निरोध केंद्र भेजा जाएगा?’ उन्होंने कहा, ‘एनपीआर के इंफॉर्मेशन कलेक्ट किया जाएगा. बाद में उसी के आधार पर एनआरसी होगा.
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