प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सम्बोधित करते हुए कहा कि हमें कोरोना वायरस से घबराने की नहीं बल्कि सावधान रहने की जरूरत है. इस दौरान प्रधानमंत्री ने सभी मेहमानों का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि डब्लूएचओ ने कोरोना को महामारी घोषित किया है. सबको मिलकर लड़ना है, घबराने की जरूरत नहीं है. यह विकासशील देशों के सामने बड़ी चुनौती है. मालूम हो कि भारत, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, मालदीव, नेपाल और श्रीलंका सार्क देशों के सदस्य हैं.
पीएम मोदी ने कहा, हमें लोगों में जागरूकता फ़ैलाने की जरूरत है. मेडिकल फील्ड में काम करने वाले लोगों को सावधानी बरतने के लिए बताया जा रहा है. हमने सभी तरह की मदद की है. पीएम मोदी ने कहा कि भारत में कोरोना को लेकर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. सभी देशों में कोरोना को लेकर सावधानी अभियान चलाने की जरूरत है. 1400 भारतीयों को अलग-अलग देशों से लाया गया है.
सार्क देशों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि सार्क देशों में 150 से कम मामले सामने आए हैं. इसे लेकर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. डॉक्टर्स और नर्सों को कोरोना से लड़ने की ट्रेनिंग दी जा रही है. सार्क देशों को मेडिकल टीम को पुख्ता ट्रेनिंग देने की जरूरत है. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि जनवरी में ही कोरोना की स्क्रीनिंग शुरू कर दी गई थी.
कोरोना इमरजेंसी फंड बनाने का पीएम का प्रस्ताव
पीएम मोदी ने सार्क देशों को संबोधित करते हुए कोरोना इमरजेंसी फंड बनाने का प्रस्ताव दिया. पीएम मोदी ने कहा, ‘मेरा प्रस्ताव है कि हम COVID-19 इमरजेंसी फंड बनाएं. यह हम सभी के स्वैच्छिक योगदान पर आधारित हो सकता है. भारत इस फंड के लिए 10 मिलियन अमेरिकी डॉलर के शुरुआती ऑफर के साथ शुरुआत कर सकता है.
वहीं मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलीह ने कहा, मैं मोदी और भारत के लोगों की सरकार की सराहना करता हूं. मालूम हो कि भारतीय प्रधानमंत्री ने सार्क देशों के दूसरे प्रतिनिधियों को कोरोना वायरस के संक्रमण को ध्यान में रखते हुए वीडियो कॉंन्फेंस के जरिये बैठक का न्योता दिया था जिसके लिए सभी सदस्य देश तैयार हो गए थे.
https://archivehindi.gujaratexclsive.in/all-educational-institutions-including-schools-colleges-tuition-classes-in-gujarat-will-remain-closed-till-29th-march/