निर्भया गैंगरेप एवं हत्या मामले में फांसी की सजा पाने वाले चार दोषियों के परिवारवालों ने रविवार राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से इच्छामृत्यु की मांग की है. निर्भया के परिवारवालों ने रविवार को पत्र राष्ट्रपति को पत्र लिखकर इच्छामृत्यु की अनुमति मांगी. इच्छामृत्यु मांगने वालों में दोषियों के बुजुर्ग माता-पिता, भाई-बहन और उनके बच्चे शामिल हैं. मालूम हो कि सभी दोषियों को 20 मार्च सुबह साढ़े पांच बजे फांसी की सजा दी जानी है.
दोषियों के परिवार ने हिन्दी में राष्ट्रपति को भेजे पत्र में लिखा है, हम आपसे (राष्ट्रपति) और पीड़िता के माता-पिता से अनुरोध करते हैं कि वे हमारे अनुरोध को स्वीकार करें और हमें इच्छामृत्यु की अनुमति दें. भविष्य में होने वाले किसी भी अपराध को रोकें, ताकि निर्भया जैसी दूसरी घटना न हो और अदालत को एक व्यक्ति के स्थान पर पांच लोगों को फांसी ना दी जाए.
दोषियों के परिजनों ने कहा कि ऐसे कोई पाप नहीं हैं जिसे माफ नहीं किया जा सकता है. पत्र में आगे लिखा है कि हमारे देश में महापापी (महान पापी) को क्षमा कर रहे हैं. बदला की परिभाषा शाक्ति नहीं है. क्षमा करना शक्ति है. मालूम हो कि तीन बार डेथ वारंट टलने के बाद अब फांसी की नई तारीख मुक्कमल हुई है जिसके मुताबिक, निर्भया गैंगरेप के चारों दोषियों विनय शर्मा, अक्षय सिंह ठाकुर, पवन गुप्ता और मुकेश को 20 मार्च सुबह साढ़े पांच बजे फांसी की सजा दी जानी है.
अभी तक राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद सभी दोषियों की दया याचिका खारिज कर चुके हैं. हालांकि दोषी अक्षय सिंह ठाकुर ने नई दया याचिका दाखिल की है जिसमें उसने कहा है कि राष्ट्रपति ने जो पुरानी दया याचिका दाखिल की थी उसमें सारे फैक्ट मौजूद नहीं थे. इस मामले में दोषियों ने फांसी की सजा से बचने क लिए दिल्ली की निचली अदालत, हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर रखी है.
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