मध्य प्रदेश की राजनीति कर्नाटक तक पहुंच चुकी है. अपने बागी विधायकों से मिलने पहुंचे कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह अपने मंसूबे में जब कामयाब नहीं हुए तो उन्होंने कर्नाटक हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. लेकिन यहां भी उन्हें निराशा ही हाथ लगी. कर्नाटक हाई कोर्ट ने दिग्विजय सिंह की याचिका को खारिज कर दिया है. दिग्विजय सिंह ने बागी विधायकों से मिलने की मांग की थी. मामले की अगली सुनवाई अब 26 मार्च को होगी.
दिग्विजय सिंह बेंगलुरु के रिजॉर्ट में रुके कांग्रेस के 16 बागी विधायकों से मुलाकात करने पर अड़े हुए हैं और बीजेपी पर जमकर निशाना भी साध रहे हैं. वह सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करेंगे, लेकिन उससे पहले उन्हें कर्नाटक हाई कोर्ट से झटका लगा है. दिग्विजय सिंह का कहना है कि वह राज्यसभा के सांसद हैं और उन्हें विधायकों से मिलने दिया जाए. दिग्विजय सिंह ने कहा कि बीजेपी मध्य प्रदेश में जो कर रही है, वह लोकतंत्र की हत्या है. उन्होंने कहा कि हम मध्य प्रदेश में बहुत शानदार तरीके से सरकार चला रहे थे, लेकिन हमें ज्योतिरादित्य सिंधिया ने धोखा दिया है.
कांग्रेस सांसद ने कहा कि मैंने फैसला लिया है कि मैं सुप्रीम कोर्ट और कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले का इंतजार करूंगा और फिर से एक बार धरने पर बैठने पर सोचूंगा. उन्होंने कहा कि मैंने फिलहाल भूख हड़ताल पर रहने का फैसला लिया और कोर्ट के फैसले के बाद ही आगे का फैसला लूंगा.
मालूम हो कि कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह को बेंगलुरु में हिरासत में लिया गया था. वह बागी विधायकों से मिलने पहुंचे थे. हिरासत में लिए गए दिग्विजय सिंह ने पुलिस स्टेशन में ही भूख हड़ताल शुरू कर दी. उन्होंने आरोप लगाया कि लोकतंत्र की हत्या की जा रही है और उन्हें विधायकों से नहीं मिलने दिया जा रहा है.
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