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फांसी के फंदे से चंद घंटे की दूरी पर निर्भया के दोषी, बचने की तमाम कोशिशों का होगा अंत

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दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने निर्भया के सभी दोषियों को याचिका खारिज कर दी है जिसके साथ उन गुनाहगारों का फांसी पर चढ़ना तय हो गया है. निर्भया के दोषियों को शुक्रवार सुबह साढ़े 5 बजे फांसी पर लटकाया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट ने 14 जनवरी को दोषी विनय की क्यूरेटिव याचिका खारिज कर दी थी. वहीं, फरवरी में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उसकी दया याचिका भी ठुकरा दी थी. इस मामले के चारों दोषियों के सभी कानूनी विकल्प खत्म हो चुके हैं.

इससे पहले निर्भया के दोषी मुकेश की सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दोषी अपने सारे कानून उपचारों का इस्तेमाल कर चुका है. बता दें, उसने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर फांसी पर रोक की मांग की थी. मुकेश ने अपनी अर्जी में मांग की थी कि फांसी से पहले उसे किसी भी कोर्ट में याचिका दाखिल करने की इजाजत दी जाए.

मुकेश ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा था कि उसके साथ निष्पक्ष न्याय नहीं हुआ. साथ ही कहा था कि घटना के वक्त वो दिल्ली में मौजूद नहीं था बल्कि राजस्थान में था. मुकेश ने अपनी याचिका में डीएनए और आयरन रॉड दोनों ही थ्योरी पर सवाल उठाए थे. साथ ही कहा था कि इस मामले के दस्तावेज़, रिकॉर्ड और रिपोर्ट सीबीआई से जांच कराई जाए और कोर्ट उन्हें मंगाये.

बेहोश हुई दोषी अक्षय की पत्नी

पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई पूरी हो चुकी है, कोर्ट ने चारों दोषियों की डेथ वारंट पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है और उधर पवन की नाबालिग होने की क्यूरेटिव याचिका भी खारिज कर दी गई है. इसी बीच पटियाला कोर्ट के बाहर दोषी अक्षय की पत्नी पुनीता देवी बेहोश हो गईं. कोर्ट काम्प्लेक्स में वे अचानक गश खाकर गिर पड़ीं, इसके बाद कुछ लोगों ने दौड़कर उन्हें उठाया.

दोषी अक्षय ने अपनी पत्नी पुनीता से तलाक लेने के लिए अर्जी डाली थी, लेकिन पुनीता सुनवाई में नहीं पहुंचीं. अक्षय की पत्नी पुनीता ने भी बिहार के एक कोर्ट में तलाक की अर्जी डाली हुई है. ऐसे में सुनवाई को 24 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी गई है.

दोषी विनय की मां बेटे को खिलाना चाहती हैं पूड़ी-सब्जी

निर्भया के गुनहगार विनय शर्मा की मां ने फांसी से पहले बेटे को अपने हाथ की बनी पूड़ी-सब्जी और कचौड़ी खिलाने की इच्छा जताई है. विनय की मां ने कहा, ‘‘तिहाड़ जेल के कर्मचारियों ने मुझे कभी खाना और दूसरी चीजें नहीं ले जाने दीं. अगर वे इजाजत दें तो मैं आखिरी बार बेटे को सब्जी-पूड़ी और कचौड़ी खिलाना चाहूंगी.’ विनय की मां 50 साल की हैं.’ उन्होंने कहा, ‘‘सब भगवान की इच्छा है. कोरोना वायरस को ही देख लो. भगवान ही तय करता है कि कौन जिएगा और कौन मरेगा. यह आदमी के बस के बाहर है.’’ उधर दोषियों के वकील ने भी मांग की है कि कोरोना वायरस के चलते उसके मुवक्किलों की फांसी अभी रोक देनी चाहिए.

न्याय के लिए करना पड़ा है लंबा इंतजार

दिल्ली में 16 दिसंबर 2012 को चलती बस में निर्भया के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना को सात साल तीन महीने बीत चुके हैं. 26 साल के विनय शर्मा को मुकेश सिंह (32), पवन गुप्ता (25) और अक्षय सिंह (31) के साथ फांसी दी जानी है. ट्रायल कोर्ट ने पांच मार्च को 20 तारीख के लिए डेथ वॉरंट जारी किया था. मामले के 5वें दोषी राम सिंह ने 2015 में तिहाड़ जेल में फांसी लगा ली थी. छठा दोषी नाबालिग था. वह सुधार गृह में 3 साल की सजा काटने के बाद रिहा हो चुका है.

निर्भया की मां बोलीं- 7 साल बाद मेरी बेटी की आत्मा को मिलेगी शांति

निर्भया मामले में दिल्ली की एक अदालत द्वारा चार दोषियों में से तीन की याचिका खारिज किये जाने के बाद पैरामेडिकल छात्रा की मां ने गुरुवार को कहा कि उसकी बेटी की आत्मा को अब शांति मिलेगी और उसे सात साल बाद न्याय मिला है। निर्भया की मां ने कहा, ‘‘आखिरकार दोषियों को फांसी दी जाएगी. अब मुझे शांति मिलेगी.’’ साथ ही फांसी वाले दिन को निर्भया की मां निर्भया दिवस के रूप में मनाए जाने की मांग की है.

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