सोमवार को भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेता शिवराज सिंह चौहान के मुख्य मंत्री पद की शपथ के साथ ही पिछले काफी समय से मध्य प्रदेश में जारी राजनीतिक घमासान खत्म हो गई है. भाजपा नेता शिवराज सिंह चौहान ने चौथी बार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. इससे पहले राजधानी भोपाल में विधायक दल की बैठक में शिवराज सिंह चौहान को नेता चुन लिया गया था. इस फैसले के बाद अब चौहान के चौथी बार मुख्यमंत्री बनना तय हो गया था.
इससे पहले विधायक दल की बैठक में राज्य पर्यवेक्षक अरुण सिंह और विनय सहस्रबुद्धे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिेये शामिल हुए. विधायक दल का नेता चुने के बाद शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि भाजपा कार्यकर्ता होने के नाते मैं मध्यप्रदेश के विकास के लिए काम करूंगा लेकिन अभी मेरा लक्ष्य कोरोना वायरस को फैलने से रोकना है. मैं पार्टी कार्यकर्ताओं से शपथग्रहण समारोह का जश्न नहीं मनाने और सड़कों पर नहीं आने की अपील करता हूं. उन लोगों को घरों में रहना और नई सरकार के गठन की प्रार्थना करनी चाहिए.
मालूम हो कि 22 कांग्रेस विधायकों के इस्तीफा देने के बाद राज्य की कमलनाथ सरकार अल्पमत में आ गई थी. मामला सर्वोच्च न्यायालय चला गया था और कोर्ट ने बहुमत परीक्षण कराने के निर्देश दिये थे. काफी जद्दोजहद के बाद 20 मार्च को बहुमत परीक्षण से पहले मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने गवर्नर लालजी टंडन को अपना इस्तीफा सौंप दिया था.