कोरोना संकट के बावजूद भारतीय शेयर बाजार ने मंगलवार को छलांग लगाई थी लेकिन बुधवार को वह नए वित्त वर्ष (2020-21) का स्वागत नहीं कर पाया. मंगलवार को सेंसेक्स जहां 1028 अंक उछलकर 29,468 के स्तर पर बंद हुआ तो वहीं आज बुधवार को 1203 अंक टूटकर 28,265 के स्तर पर बंद हुआ. नए वित्त वर्ष के स्वागत में निफ्टी भी 343 अंक के नुकसान से 8,253 अंक पर बंद हुआ. एक दिन पहले की तुलना में सेंसेक्स ने 2200 अंकों की बढ़त गंवा दी है जबकि निफ्टी करीब 700 अंक कमजोर हुआ है.
वित्त वर्ष 2019-20 के अंतिम दिन मंगलवार को बाजार में जोरदार तेजी आई और सेंसेक्स 1,028 अंक से अधिक मजबूत हुआ. 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 1,028.17 अंक यानी 3.62 प्रतिशत की तेजी के साथ 29,468.49 अंक पर बंद हुआ. इसी तरह, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 316.65 अंक यानी 3.82 प्रतिशत मजबूत होकर 8,597.75 अंक पर रहा.
वित्त वर्ष में सेंसेक्स 24 फीसदी टूटा
हालांकि, अगर पूरे वित्त वर्ष को देखा जाए तो इसमें अच्छी-खासी गिरावट आई है. कोरोना वायरस महामारी के कारण मार्च महीने में ही इसमें रिकार्ड गिरावट दर्ज की गई. वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान सेंसेक्स कुल मिला कर 9,204 अंक यानी 23.80 प्रतिशत लुढ़का जबकि एनएसई निफ्टी 3,026 अंक यानी 26.03 प्रतिशत नीचे आया. बाजार में गिरावट की वजह से वित्त वर्ष 2019-20 में निवेशकों को 37.59 लाख करोड़ रुपये की चपत लगी. वित्त वर्ष 2019-20 में बाजार ने कई ऊंचाइयों को भी छुआ. बीएसई सेंसेक्स ऐतिहासिक 40,000 अंक को पार किया और एनएसई निफ्टी 12,000 के स्तर से ऊपर निकलने में सफल रहा.
एशियाई बाजारों का हाल बेहाल
एशियाई बाजारों ने कारोबार की ठोस शुरुआत की लेकिन दिन का कारोबार संपन्न होते-होते गिरावट में चले गए. जापान का निक्की 4.5 प्रतिशत की गिरावट में रहा. सिंगापुर शेयर बाजार और हांगकांग का हैंगसेंग दो-दो प्रतिशत से अधिक तथा दक्षिण कोरिया का कोस्पी तीन प्रतिशत से अधिक की गिरावट में रहा. चीन का शंघाई कंपोजिट, ताईवान का ताईपेई शेयर बाजार और इंडोनेशिया का जकार्ता शेयर बाजार भी गिरावट में रहा.
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