Gujarat Exclusive > देश-विदेश > ‘क्वेरेंटीन सेंटर में रखे गए तब्लीगी जमातियों ने डॉक्टरों पर थूका, खाने-पीने की कर रहे अनुचित मांग’

‘क्वेरेंटीन सेंटर में रखे गए तब्लीगी जमातियों ने डॉक्टरों पर थूका, खाने-पीने की कर रहे अनुचित मांग’

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निजामुद्दीन मरकज़ से निकाले गए करीब 2,300 से ज्यादा लोगों को क्वेरेंटीन सेंटर और अस्पताल में भर्ती कराया गया है. हालांकि आरोप लगाया जा रहा है कि मकरज से निकाले गए लोग सहयोग नहीं कर रहे हैं और डॉक्टरों के साथ बुरा व्यवहार कर रहे हैं. उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (CPRO) दीपक कुमार ने बताया कि तब्लीगी जमात निज़ामुद्दीन के 167 लोग कल रात 9 बजकर 40 मिनट पर 5 बसों में तुगलकाबाद क्वेरेंटीन सेंटर पहुंचे थे. 97 लोगों को डीजल शेड ट्रेनिंग स्कूल हॉस्टल में और बाकी 70 को RPF बैरक क्वेरेंटीन सेंटर में रखा गया है. उन्होंने कहा कि इन लोगों ने कर्मचारियों के साथ बुरा व्यवहार किया और डॉक्टरों समेत अन्य लोगों पर थूकना शुरू कर दिया.

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, कुमार ने कहा, “ये लोग सुबह से अनियंत्रित थे और खाने पीने की अनुचित मांग कर रहे थे. उन्होंने क्वेरेंटीन सेंट्रर के कर्मचारियों के साथ दुर्व्यवहार किया. इसके अलावा उन्होंने काम करने वाले सभी लोगों और डॉक्टरों पर थूकना शुरू कर दिया. हॉस्टल बिल्डिंग में भी घूम रहे थे.”

कुमार ने बताया, “DM साउथ ईस्ट दिल्ली को उन्हें नियंत्रित करने के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम या किसी सुरक्षित जगह पर शिफ्ट करने के लिए कहा गया था. शाम 5:30 बजे, दिल्ली पुलिस के 4 सिपाही और 6 CRPF जवानों के साथ PCR वैन को क्वेरेंटीन सेंटरों पर तैनात किया गया.”

उधर दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बुधवार को ट्वीट करके बताया, “क़रीब 36 घंटे के इस ओपरेशन में मेडिकल स्टाफ़, प्रशासन, पुलिस, डीटीसी स्टाफ़ सबने मिलकर, अपनी जान जोखिम में डालकर काम किया. इन सबको दिल से सलाम. निज़ामुद्दीन के आलमी मरकज़ में 36 घंटे का सघन अभियान चलाकर सुबह चार बजे पूरी बिल्डिंग को ख़ाली करा लिया गया है. इस इमारत में कुल 2361 लोग निकले. इसमें से 617 को अस्पताल में और बाक़ी को क्वेरेंटीन में भर्ती कराया गया है.

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