कोरोना वायरस को लेकर पूरे देश में दहशत का माहौल है. इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के नाम एक संदेश साझा किया. पीएम मोदी ने देशवासियों से एकजुटता दिखाने की अपील की और रविवार की रात को नौ बजे दीया जलाने को कहा. अब पीएम की इस अपील पर राजनीतिक प्रतिक्रिया आनी शुरू हो गई है. पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि हम दीया जलाएंगे, लेकिन जवाब में अर्थशास्त्रियों की बात भी सुनें.
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘हम आपकी बात सुनेंगे और पांच अप्रैल को दीया जलाएंगे. लेकिन इसके बदले में आप भी अर्थशास्त्रियों की बात सुनें. हमें उम्मीद थी कि आप आज गरीबों के लिए एक पैकेज का ऐलान करते, जिन्हें निर्मला सीतारमण अपने भाषण में भूल गई थीं. पी चिदंबरम ने लिखा कि काम करने वाला हर व्यक्ति, चाहे बिजनेस क्षेत्र से हो या फिर दिहाड़ी मजदूर उसे मदद की जरूरत है और आर्थिक शक्ति को रि-स्टार्ट करने की जरूरत है. संकेत दिखाना जरूरी है, लेकिन सख्त फैसले लेना भी जरूरी है.
Dear @narendramodi,
We will listen to you and light diyas on April 5. But, in return, please listen to us and to the wise counsel of epidemiologists and economists.— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) April 3, 2020
मालूम हो कि भारत सरकार की ओर से कोरोना संकट के बीच एक लाख 70 हजार करोड़ के राहत पैकेज का ऐलान किया गया था जिसमें 80 करोड़ नागरिकों को गेंहू-चावल, 20 करोड़ से अधिक महिला जनधन बैंक खाता धारकों को आर्थिक मदद देने की बात कही गई थी.
चिदंबरम के अलावा कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी मोदी को घेरने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि आज फिर प्रधान शोमैन को सुना. लोगों के दुख, आर्थिक चोट के बारे में कुछ नहीं कहा गया. भविष्य को लेकर क्या प्लान है और लॉकडाउन के बाद क्या होगा, इसपर कुछ नहीं कहा गया. सिर्फ एक फीलगुड मोमेंट तैयार किया गया.
वहीं कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने भी इसपर सवाल खड़े किए और अपने ट्वीट में लिखा, ‘इन मसलों पर सरकार के कदम सुनने को नहीं मिले, वायरस को रोकना-टेस्टिंग किट्स-गरीबों को खाना पहुंचा-मजदूरों को आर्थिक मदद करना’. दीया किसी मकसद से जलाएं, अंधविश्वास के लिए नहीं.
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