अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने व्हाइट हाउस में मीडिया ब्रीफिंग के दौरान वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ) का फंड रोकने की धमकी दी. कोरोना वायरस महामारी के बीच उन्होंने आरोप लगाया कि डब्ल्यूएचओ चीन का हिमायती है. वह मदद तो हमसे लेता है, लेकिन हमारे द्वारा लगाए यात्रा प्रतिबंधों से असहमति जताता है. वे कई चीजों के बारे में गलत थे. लिहाजा डब्ल्यूएचओ पर खर्च होने वाली राशि को रोकने जा रहे हैं.
हालांकि, एक मिनट बाद ही वह अपने बयान से मुकर भी गए. ट्रम्प ने मार्च में भी दावा किया था कि कोरोना पर चीन को लेकर डब्ल्यूएचओ का रवैया पक्षपातपूर्ण हैं. इससे कई लोग अच्छा महसूस नहीं कर रहे
डब्ल्यूएचओ ने जनवरी में चीन पर यात्रा प्रतिबंध न लगाने को कहा था
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस गेब्रेसस ने 23 जनवरी को जेनेवा में कोरोना को लेकर एक आपात बैठक में कहा था कि हमने यात्रा और व्यापार पर व्यापक प्रतिबंध की सिफारिश नहीं की, लेकिन एयरपोर्ट्स पर यात्रियों की स्क्रीनिंग जरूर होना चाहिए. तब चीन में मात्र 600 केस सामने आए थे और 17 लोगों की मौत हुई थी. इसके बाद कोरोना वायरस अमेरिका, जापान, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर, थाईलैंड और सऊदी अरब में फैला था. हालांकि, 2 फरवरी को अमेरिका ने चीन से आने वालों पर यात्रा प्रतिबंध लगा दिया और चीन से आए अमेरिकी नागरिकों के लिए 14 दिनों तक क्वारैंटाइन अनिवार्य कर दिया.
लघु उद्योगो की मदद को 18 अरब रुपए का प्रस्ताव
ट्रम्प प्रशासन को उम्मीद है कि कोरोना वायरस महामारी के बीच लघु उद्योगों के लिए 18 अरब 98 करोड़ 34 लाख 37 हजार 500 रुपए (250 बिलियन डॉलर) के बजट को कांग्रेस मंजूरी दे देगी. ट्रेजरी मंत्री स्टीवन नुचिन ने मंगलवार को एक बयान में कहा, ‘‘मेरे पास आज सुबह मिच मैककोनेल, चक शूमर, नैंसी पेलोसी और केविन मैकार्थी से बात करने का मौक था. राष्ट्रपति के अनुरोध पर मैंने उनसे आग्रह किया कि वे हमें 250 बिलियन डॉलर की राशि को मंजूरी दें.’’ उन्होंने कहा, हम गुरुवार को प्रस्ताव पेश करेंगे जिसे सीनेट पास करे. शुक्रवार को इसे सदन की मंजूरी मिलेगी. इस राशि की मदद से महामारी के दौरान बंद हुए लघु उद्योगों, कामगारों और कर्मचारियों को राहत मुहैया कराई जाएगी.
दुनियाभर में कोरोना वायरस से अब तक 82 हजार लोगों की मौत हो चुकी है. 14 लाख लोग संक्रमित हैं. जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के मुताबिक, अमेरिका में 24 घंटे में लगभग दो हजार लोगों ने दम तोड़ा है. यहां अब तक 12 हजार 841 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं न्यूयॉर्क, न्यूजर्सी और कनेक्टिकट में एक दिन में 1,024 लोगों की जान गई.
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