हितेश चावड़ा, नडियाद: राज्य और देश भर में कोरोना वायरस से पैदा होने वाली स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन, पुलिस, चिकित्सा कर्मचारी और स्वच्छता कार्य से जुड़े लोग लोगों की जिंदगियां बचाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं. इसमें विशेष रूप से खेड़ा जिला ने कोरोना के खिलाफ संघर्ष के इस दौर में सर्वश्रेष्ठ प्रबंधन के द्वारा ‘सामाजिक कर्फ्यू’ सहित सुविधा देने का एक उत्तम उदाहरण पेश किया है, जिसमें जिला प्रशासन ने दवा, बैंक का पैसे, सब्जियों और अन्य आवश्यक सेवाओं के लिए अलग-अलग टीम बनाकर घर से बाहर निकलने वाले लोगों को रोकर उनकी जिंदगी को सुरक्षित कर दिया है.
खेड़ा और आणंद जिला में बड़े पैमाने पर एनआरआई का आना जाना लगा रहता है. बावजूद इसके जिला प्रशासन के सर्वश्रेष्ठ प्रबंधन की वजह से तैयार किए गए व्यवस्था की वजह से आज खेड़ा जिले में एक भी कोरोना का पॉजिटिव मामला सामने नहीं आया है. परिणामस्वरूप लोगों की सुरक्षा और विश्वास मजबूत हुआ है. नडियाद में, खेड़ा जिला कलेक्टर आई के पटेल ने एक नई प्रणाली स्थापित कर नाडियाद नगर पालिका के 13 वार्डों में एक टीम बनाई गई है. जो लोगों के लिए सामाजिक गश्त कर रही है इनका फोन नबंर भी लोगों को दिया गया है. स्थानिक लोगों के एक फोन पर आवश्यक सेवाएँ प्रदान कर दिया जाता है जिसकी वजह से लोग बेवजह घर से निकलते ही नहीं.
खेड़ा जिला कलेक्टर आई के पटेल गुजरात एक्सक्लूजिव से खास बातचीत में बताते हैं कि “नडियाद शहर में बाजारों में सब्जी बेचने पर रोक लगी दी गई है. वार्ड के हिसाब से हर दिन लोगों को सब्जि मुहैया करवाया जाता है, अनाज की दुकानों को भी एक सप्ताह के लिए बंद करवा दिया गया है लोगों को अनाज, कीट और किराने का सामान मिल गया है, पूरे नाडियाद में सिर्फ तीन मेडिकल स्टोर – अस्पताल का मेडिकल स्टोर खुला रहेगा, टिफिन सेवाएं केवल अस्पताल और सीनियर सीटीजन नागरिकों के लिए चालू रखा जाएगा, बैंक का पैसा या फिर दवा घर पहुंचाने के लिए जिला प्रशासन, नगर पालिका और पुलिस टीम को वॉर्ड वाइज बांट दिया गया है. किसी को बाहर नहीं निकलने दिया जा रहा है. इस दौरान अगर किसी को कोई परेशानी है तो टीम आएगी और मदद करेगी, सड़क पर चिकित्सा, सरकारी, पुलिस और स्वच्छता कर्मचारियों को छोड़कर किसी को आने जाने नहीं दिया जा रहा है.
नडियाद शहर के अलावा, खेड़ा जिला में कड़ाई से तालाबंदी को लागू किया गया है. जिला पुलिस प्रशासन के अधिकारी और पुलिस कर्मचारी गश्त सहित सार्वजनिक जागरूकता के साथ लोगों को समझाने का काम कर रहे हैं, जिसमें खेड़ा जिला पुलिस अधीक्षक दिव्या मिश्रा भी सामाजिक दूरी की व्याख्या लोगों को बताते हुए नजर आ रही है. गुजरात राज्य के अधिकांश जिलों में कोरोना दस्तक दे चुका है. ऐसे में खेड़ा जिला ‘सामाजिक कर्फ्यू’ जैसे प्रशासनिक और पुलिस प्रयासों से शानदार काम कर रहा है और गुजरात के अन्य महानगरों और जिलों के लिए एक उदाहरण पेश कर रहा है.
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