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लॉकडाउन ने कुत्तों को बनाया खूंखार, इंदौर में 1000 से ज्यादा लोगों को बनाया शिकार

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पूरे देश में जारी तालाबंदी (लॉकडाउन) से इंसानों के साथ-साथ जानवरों के लिए भी मुसीबतें खड़ी कर दी है. खासतौर से कुत्ते जैसे पालतू जानवरों के लिए सबसे ज्यादा मुश्किलें हो रही हैं. दूसरे शब्दों में कहें तो लॉकडाउन ने कुत्तों को खूंखार बना दिया है. मध्य प्रदेश के इंदौर में कुत्ते भूखे शेर की तरह लोगों को काट खाने को दौड़ रहे हैं.

दरअसल, कोरोना वायरस के संक्रमण और लॉकडाउन के चलते पिछले दो सप्ताह से भी ज्यादा समय से लोग घरों में बंद हैं जिसके कारण कुत्तों व अन्य जानवरों को कोई खाना देने वाला ही नहीं है. ये भूखे हैं. यही वजह है कि इन आवारा कुत्तों पर कोई व्यक्ति दिख जाए तो ये उसके पीछे पड़ जाते हैं और उन्हें काटते हैं.

डॉक्टरों का कहना है कि भर पेट खाना नहीं मिलने से कुत्तों में कई तरह के विकार उत्पन्न हो रहे हैं. भूख के कारण उनमें चिड़चिड़ापन आ रहा है जिसके चलते वे इंसानों पर हमला कर रहे हैं. उत्तेजित कुत्ते भूख से पेट खाली होने के कारण, इंसानों और छोटे जानवरो को देखते ही झपट लेते है.

शहर के मुख्य सड़कों, बाजारों, चौराहों, मोहल्लों, गलियों, कॉलोनियों समेत अधिकतर जगहों पर आवारा कुत्तों ने अपना बसेरा बना लिया है. ​दोपहिया वाहन और चार पहिया वाहन के दिखते ही ये कुत्ते उनके पीछे लपक लेते हैं. ये भौंकते हुए वाहन चालकों को दौड़ा देते हैं जिससे वाहन चलाने वाला व्यक्ति घबरा जाता है और कई बार चालक दुघर्टनाग्रस्त हो जाते हैं. कुत्तों का इतना आतंक होने के बावजूद भी नगर निगम की ओर से आवारा कुत्तों से निजात दिलाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है.

इंदौर में लॉकडाउन के दौरान कुत्तों के काटने के मामले तेजी से बढ़ गए है और इनकी संख्या दोगुने से ज्यादा पहुंच गई है. इंदौर के सरकारी लाल अस्पताल में लॉकडाउन के बाद केवल कुत्तों के काटने के करीब 1 हजार से ज्यादा मामले सामने आए है. इसके पीछे कुत्तों को पर्याप्त भोजन नहीं मिल पाना है. पहले कुत्तों के काटने के 50-60 मामले अस्पतालों में रोजना आते थे, आज उनकी संख्या 100 से ज्यादा हो गई है.

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