दिल्ली के निजामुद्दीन के तब्लीगी जमात का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि गुजरात की एक घटना ने कोरोना वायरस से पैदा हुए संकट को बढ़ा दिया है. दरअसल अहमदाबाद जमालपुर खादी से कांग्रेस के विधायक इमरान खेडावाला की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है लेकिन उनकी गलती ने गुजरात सरकार को हिला दिया है.
विधायक इमरान ने मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, गृह सचिव, राज्य के मुख्य सचिव, स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव, अहमदाबाद के डीजीपी, अहमदाबाद नगर निगम के आयुक्त, कांग्रेस के विधायकों और अन्य शीर्ष अधिकारियों से भी मुलाकात की थी और बैठकों में हिस्सा लिया था. इसकी वजह से गुजरात के पूरे सिस्टम के ठप्प होने पर खतरा मंडराने लगा है. जैसे-जैसे गुजरात में कोरोना का प्रकोप बढ़ता जा रहा है, वैसे-वैसे गुजरात सरकार की चिंता बढ़ती जा रही है. अहमदाबाद शहर में राज्य में कोरोना मामलों की संख्या सबसे अधिक है.
कोट क्षेत्र के तीन कांग्रेस विधायकों इमरान खेडावाला, गयासुद्दीन शेख और दानिलिमदा शैलेश परमार ने मंगलवार को मुख्यमंत्री के निमंत्रण पर गांधीनगर का दौरा किया, क्योंकि अहमदाबाद के कोट क्षेत्र में कोरोना के अधिक मामले आए हैं. मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल, गृह मंत्री प्रदीप सिंह जडेजा ने भाग लिया. चिंता की बात ये है कि मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और गृह राज्य मंत्री ने बिना मास्क पहने ही बैठक में भाग लिया था. हालांकि उनसे दूर रहते हुए गासुद्दीन शेख चेहरे पर मास्क लगाकर बैठे थे लेकिन कोरोना पॉजिटिव विधायक इमरान खेड़ावाला अपने मुंह से मास्क हटाकर चर्चा कर रहे थे.
मालूम हो कि कोरोना पॉजिटिव रोगी या किसी भी संक्रमित व्यक्ति के लिए चेहरे पर मास्क पहना जरूरी होता है. मास्क पहनने का कारण यह है कि जब वे बात करते समय अपने मुंह से थूक निकालते हैं, तो उनका संक्रमण होने की संभावना अधिक होती है. विधायक इमरान खेडावाला की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. बुखार और जुकाम के लिए उन्हें दो दिन पहले रक्त के नमूने लिए गए थे.
विधायक इमरान ने एक सप्ताह पहले अहमदाबाद नगर निगम कार्यालय में एक बैठक में भाग लिया था जहां उन्होंने नगर आयुक्त विजय नेहरा, गृह मंत्री और पुलिस अधिकारी के साथ बैठक की. उन्होंने विजय नेहरा और अहमदाबाद के पुलिस आयुक्त के साथ-साथ पुलिस भवन के उच्च अधिकारियों के साथ भी बैठकें की हैं. चूंकि सभी अधिकारी पिछले सप्ताह से दस दिनों की अवधि में एक-दूसरे के संपर्क में आए हैं, इसने ऐसी स्थिति पैदा की है कि इन सभी उच्च अधिकारियों को क्वारेंटीन में रखना पड़ सकता. इसके अलावा इन बैठकों के दौरान कई पत्रकार सम्मेलन आयोजित किए गए हैं, और कई पत्रकारों को होम क्वेरेंटीन में रहना पड़ सकता है.
जब अहमदाबाद में कोरोना हॉटस्पॉट क्षेत्र के विधानमंडल ने इस महामारी के लिए महत्वपूर्ण स्थिति में बैठक के लिए बुलाया, तो सीएम, डीएम सीएम या राज्य के गृह मंत्री ने मास्क पहनने का फैसला क्यों नहीं किया? यह एक सवाल नहीं है बल्कि एक गंभीर गलती है. क्योंकि आज अगर गुजरात के सत्ताधारी क्वेरेंटीन का शिकार होना पड़ा तो आम जनता की देखभाल कौन करेगा ?
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