कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे को लेकर आज प्रेस कांफ्रेंस की. उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री को इस समय राज्यों को, मुख्यमंत्रियों को और डीएम को अधिक अधिकार देने चाहिए. यह समय तू-तू, मैं-मैं करने का नहीं है, हम सबको साथ मिलकर काम करना होगा. उन्होंने कहा, कोरोना वायरस से निपटने की हमें रणनीति बनानी होगी. सभी दलों को मिलकर काम करना होगा. मौजूदा समय में हम सभी को साथ मिलकर काम करने की जरूरत है. लॉकडाउन हमें केवल मौका और वक्त देता है, यह कोई इलाज नहीं है. अधिक से अधिक टेस्टिंग से ही हम कोरोना से विजय प्राप्त कर सकते हैं. इस समय भारत सरकार टेस्टिंग पर ध्यान नहीं दे रही है. मुल्क में रैंडम टेस्टिंग की क्षमता हमें बढ़ानी होगी. राहुल गांधी ने एक सवाल के जवाब में कहा, मैं पीएम नरेंद्र मोदीजी से कई बातों को लेकर असहमत हूं, पर यह मौका ऐसा नहीं है.
राहुल गांधी ने यह भी कहा, जिस गति से पैसा लोगों तक पहुंचना चाहिए, वैसे नहीं पहुंच रहा है. मोदी सरकार की ओर से दिया गया पैसा पर्याप्त नहीं है. उन्होंने कांग्रेस की ओर से प्रस्तावित न्याय योजना की वकालत करते हुए कहा, भले ही न्याय के बदले कुछ और नाम दे दीजिए, लेकिन यह योजना लागू किया जाना चाहिए. लॉकडाउन के बाद बीमारियां बढ़नी प्रारंभ होंगी, लेकिन मुझे दुख है कि अब तक इस ओर कोई काम नहीं हुआ है. लॉकडाउन खत्म होने से पहले यह ऐलान किया जाना चाहिए. राहुल गांधी ने यह भी कहा कि छोटी कंपनियों के रिवाइवल के लिए सरकार को तुरंत प्लान तैयार करना चाहिए.
राहुल गांधी ने कहा, हमने पहले ही सरकार को कोरोना के खतरे को लेकर आगाह किया था, लेकिन उस पर ध्यान नहीं दिया गया. अभी मुल्क में गरीबों के खाने-पीने की चीजों की समस्याएं सामने आएंगी, बेरोजगारी बढ़ेगी, वित्तीय दबाव बढ़ेगा. सरकार को बड़े उद्योगों को संरक्षा देनी होगी. गोदामों से गरीबों तक अनाज पहुंचाने की व्यवस्था की जानी चाहिए. आने वाले दिनों में हमारी समस्याएं और विकराल होने वाली हैं. राहुल गांधी ने यह भी कहा, कोरोना वायरस आपके बेहतर मैनेजमेंट से खत्म होने वाला नहीं है. कोरोना खत्म नहीं किया जा सकता, उसका सामना किया जा सकता है.
राहुल गांधी ने यह भी कहा कि सरकार को प्रवासी मजदूरों को लेकर रणनीति बनानी होगी. हमारे मुल्क में मजदूरों के पलायन की एक बड़ी समस्या है. सरकार को लोगों के पलायन की भी फिक्र करनी होगी. उन्होंने कहा, कोरोना पर लॉकडाउन एक पॉज बटन की तरह है. हमें टेस्टिंग बढ़ानी होगी और जहां एक भी केस नहीं है, वहां भी टेस्टिंग की जानी चाहिए. हमें जिंदगी के साथ अर्थतंत्र को भी बचाना होगा.
राहुल गांधी ने एक सवाल के जवाब में कहा, दुनिया में क्या हो रहा है, हमें उससे मतलब नहीं है. हमें मतलब यह है कि मुल्क की जनता को बचाने के लिए सरकार क्या कर रही है. मुझे नहीं लगता कि बाकी मुल्क हिन्दुस्तान जितना कॉप्लीकेटेड हैं. हमें भारत की विविधताओं के हिसाब से सोचना होगा. राहुल गांधी ने यह भी कहा कि यह लड़ाई तो अभी प्रारंभ हुई है. उन्होंने कहा, राज्यों को तय करना चाहिए कि लॉकडाउन हो या नहीं हो.
राहुल गांधी बोले, आज सभी मुल्कों को टेस्टिंग किट की जरूरत है. इस कारण भारत को टेस्टिंग किट मिलना कठिन है. अगर आप कोरोना से लड़ना चाहते हैं तो टेस्टिंग किट तो चाहिए ही चाहिए. आज से पूरा दम लगाकर हिन्दुस्तान को टेस्टिंग के लिए जोर लगाना होगा, क्योंकि टेस्टिंग ही हमारा हथियार साबित हो सकता है. उन्होंने कहा कि बाकी मुल्कों ने टेस्टिंग किट पहले मंगा ली और भारत चूक गया.
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