पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने ममता सरकार पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा है राज्य में लॉकडाउन को लागू करने में बड़ी राजनीति की जा रही है. धनखड़ ने कहा कि प्रदेश में राजनीतिक दलों को काम करने नहीं दिया जा रहा है. सांसदों को रोका जा रहा है. दूसरी ओर सत्ताधारी दल के लोग बेरोकटोक घूम रहे हैं. सरकार का अलग आचरण है. पुलिस और प्रशासन दूसरी पार्टी के लोगों के साथ अलग तरीके से पेश आ रही है. उन्होंने कहा कि सरकार का यह रवैया घातक है.
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने आईएएनएस से कहा, सत्ताधारी दल के लोगों ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) पर कब्जा कर लिया है. पीडीएस एक बड़ा घोटाला बनती जा रही है. मुझे शक है कि यह अब तक सबसे बड़ा घोटाला भी हो सकता है. राज्य और केंद्र सरकार से मुहैया कराए गए धन को लूटा जा रहा है. लेकिन न तो इसकी तरफ राज्य सरकार का ध्यान है और ना ही प्रशासन का.
राज्यपाल ने सवाल दागते हुए कहा, पीडीएस में जिस काम को राज्य सरकार के अधिकारियों को करना था, वो काम सत्ताधारी पार्टी के कार्यकर्ता कैसे कर रहे हैं. राज्य में गरीब लोगों की विकट स्थिति है और अधिकारी नींद में हैं. उन्होंने राज्य की मुख्यमंत्री से इस ओर ध्यान देने और सख्ती दिखाने की अपील की है.
राज्यपाल ने कहा, लॉकडाउन के दौरान दूसरे दलों के जनप्रतिनिधियों को काम नहीं करने दिया जा रहा है. पुलिस ने शुक्रवार को एक पार्टी के चार सांसदों को लॉकडाउन के बहाने घर पर बंद कर दिया और जन वितरण प्रणाली का निरीक्षण करने से रोक दिया. एक ओर तो पुलिस एक पार्टी के सांसदों को रोक रही है, घरों में बंद रख रही है, वहीं दूसरी तरफ सत्ताधारी दल के लोग बेरोकटोक घूम रहे हैं.
राज्यपाल ने यह भी कहा कि राज्य से कोविड-19 से प्रभावित लोगों की सही तस्वीर भी बाहर नहीं जा रही है, जबकि राज्य में सबको पता है अभी क्या हालात हैं. उन्होंने कहा कि मुझे समझ में नहीं आ रहा है कि राज्य सरकार कोरोना की सही संख्या देश को क्यों नहीं बताना चाहती है?
राज्यपाल ने कहा कि राज्य सरकार के पास पांच हजार टेस्टिंग किट मौजूद हैं. बावजूद इसके टेस्ट नहीं किया जा रहा है. धनखड़ ने कहा कि अस्पताल की भयावह स्थिति हो गई है. डॉक्टर, नर्स दबाव में काम कर रहे हैं.