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‘प्लाज्मा थेरेपी’ से कोरोना का इलाज मिलने की उम्मीद जगी, मरीज की हालत सुधरी

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पूरी दुनिया के डॉक्टर और वैज्ञानिक कोरोना वायरस का इलाज ढूंढने में जुटे हुए हैं. कहीं से कोई खास सकारात्मक खबर तो नहीं आ रही लेकिन भारत की राजधानी दिल्ली से एक सकारात्मक खबर सामने आई है. दिल्ली में पिछले हफ्ते देश में पहली बार कोरोना संक्रमित मरीज का ‘प्लाज़्मा थेरेपी’ के जरिए इलाज करने की कोशिश की गई थी. सोमवार को उसकी हालत में एक बड़ा सुधार तब रिकॉर्ड किया गया जब मरीज से वेंटीलेटर हटाया गया.

खबरों के मुताबिक, मरीज़ को अब वेंटीलेटर की ज़रूरत नहीं रही और मरीज़ ICU से अन्य रूम में शिफ़्ट कर दिया गया है. दक्षिण दिल्ली के मैक्स साकेत अस्पताल में बीते हफ़्ते मंगलवार 14 अप्रैल को 49 वर्षीय कोरोना संक्रमित मरीज को तब प्लाज़्मा थेरेपी दी गई जब उसकी तबियत बहुत बिगड़ गई थी और उसके परिवार ने अस्पताल से अनुरोध किया.

मैक्स अस्पताल के मुताबिक ‘प्लाज़्मा थेरेपी देने के बाद मरीज की हालत में सुधार हुआ और चौथे दिन 18 अप्रैल को उसे वेंटिलेटर से हटा दिया गया और फिलहाल सप्लीमेंट्री ऑक्सीजन पर रखा गया है. मरीज़ अब ICU से दूसरे रूम में शिफ़्ट कर दिया गया है और रविवार से मुंह से तरल पदार्थ उसे दिया रहा है और स्थिति अच्छी है.’

मैक्स अस्पताल के ग्रुप मेडिकल डायरेक्टर संदीप बुद्धिराजा ने कहा, ‘हमें बेहद खुशी है कि इस मामले में थेरेपी ने अच्छा काम किया, इस चुनौती भरे समय में इलाज का नया रास्ता खुला, लेकिन बहुत अहम है कि हम यह भी समझें कि प्लाज्मा थेरेपी कोई जादू की गोली नहीं है. मैक्स साकेत अस्पताल में मरीज के ट्रीटमेंट के दौरान दूसरे स्टैंडर्ड ट्रीटमेंट प्रोटोकोल भी लागू किए गए थे और हम यह कह सकते हैं कि प्लाजमा थेरेपी ने इलाज में एक अहम रोल निभाया, जिससे मरीज़ की स्थिति में तेज़ी से सुधार आया. हम स्थिति में सुधार का 100 फीसदी श्रेय प्लाज्मा थेरेपी को नहीं दे सकते, क्योंकि बहुत सारे दूसरे कारणों ने भी सुधार का रास्ता बनाया है.’

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