देश में कोरोना वायरस की जांच के लिए रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट किट की मांग लंबे समय से की जा रही थी. मोदी सरकार ने राज्यों को अब किट्स भेजा तो इस पर सवाल उठने लगे हैं. इसे लेकर पश्चिम बंगाल ने किट्स को डिफेक्टिव बताया है तो राजस्थान सरकार ने कहा कि रैपिड टेस्ट के परिणाम सटीक नहीं आ रहे हैं. इसके बाद सीएम अशोक गहलोत ने राज्य में इस टेस्टिंग पर रोक लगा दी. अब रैपिड टेस्ट किट की विश्वसनीयता सवाल खड़ा होने लगा है. आईसीएमआर ने इन शिकायतों पर संज्ञान लिया है और रैपिड टेस्टिंग पर दो दिन तक रोक लगा दी है.
आपको बता दें कि राजस्थान सरकार ने कोरोना वायरस परीक्षण के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले टेस्ट किट के फेल होने पर रैपिड टेस्ट पर रोक लगा दी है. राजस्थान में जांच की गति को बढ़ाने के लिए चीन से आई रेपिड टेस्ट किट परीक्षण में विफल पाई गई है. कोरोना वायरस से इन्फेक्टेड 95% मरीजों की निगेटिव रिपोर्ट आने के बाद अब सवाई मानसिंह हॉस्पिटल के डॉक्टर्स PCR जांच को ही सही ठहरा रहे हैं. फिलहाल केवल 10 हजार किट ही राजस्थान आई हैं औऱ आने वाले 2/3 दिन में दो-ढाई लाख किट और आनी है. राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने कहा कि फिलहाल हमने टेस्टिंग रोक दी है और इसकी जानकारी ICMR को दे दी है.
आईसीएमआर के डॉ. गंगाखेड़कर ने कहा कि सभी राज्यों में रैपिड टेस्ट किट बांटी गई हैं, लेकिन एक राज्य ने कहा कि वहां कुछ समस्या आई है. रैपिड और आरटी-पीसीआर टेस्ट में फर्क मिला है. हमने कहा है कि राज्य अगले दो दिन तक इस टेस्ट किट इस्तेमाल न करें, हम इसकी खामी दूर करेंगे. जांच के बाद हम रिप्लेसमेंट के लिए कंपनी को कह सकते हैं. दो दिन तक जांच करेंगे, जांच के बाद दिशा-निर्देश जारी करेंगे.
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