हाल ही में महाराष्ट्र के पालघर में दो साधुओं और उनके ड्राइवर की मौत के बाद इस मामले को संप्रदायिक रूप से देखा जा रहा था जिसके लेकर राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने सफाई दी है. महाराष्ट्र के मंत्री अनिल देखमुख ने बुधवार को कहा कि पालघर में भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या करने के मामले में गिरफ्तार किए गए 101 लोगों में से कोई भी मुस्लिम नहीं है. उन्होंने विपक्ष पर इस घटना को साम्प्रदायिक रंग देने का आरोप लगाया.
देशमुख ने फेसबुक के जरिए दिए संबोधन में कहा, ‘‘इस घटना के संबंध में गिरफ्तार किया गया कोई भी आरोपी मुस्लिम नहीं है. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस घटना के बाद साम्प्रदायिक राजनीति की जा रही है.’’ किसी का नाम लिए बगैर उन्होंने कहा, ‘‘कुछ लोग ‘मुंगेरीलाल के हसीन सपने’ देख रहे हैं. यह राजनीति करने का नहीं बल्कि एक साथ मिलकर कोरोना वायरस से लड़ने का समय है.’’
मालूम हो कि 16 अप्रैल की रात जब दो साधू तथा उनका चालक किसी परिचित के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए कार से मुंबई से गुजरात के सूरत जा रहे थे तब उनके वाहन को पालघर जिले के एक गांव के पास रोक लिया गया. वहां भीड़ ने बच्चा चोरी करने के संदेह में तीनों को कार से बाहर निकाला और उनकी लाठियों से पीट-पीटकर हत्या कर दी.
मृतकों की पहचान चिकने महाराज कल्पवृक्षगिरी (70), सुशीलगिरी महाराज (35) और चालक निलेश तेलगड़े (30) के रूप में की गई. महाराष्ट्र सरकार ने घटना की उच्च-स्तरीय जांच के आदेश दिए और ड्यूटी में लापरवाही बरतने के आरोप में सोमवार को पालघर के दो पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया.
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