कोरोना वायरस महामारी के दौरान स्वास्थ्यकर्मियों पर हो रहे हमलों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक हुई. बैठक में स्वास्थ्यकर्मियों पर हो रहे हमलों को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की गई. केंद्र सरकार ने स्वास्थ्यकर्मियों के खिलाफ हिंसा को समाप्त करने के लिए सख्त प्रावधान का भी ऐलान किया है. अध्यादेश में हिंसा के दोषी के लिए छह महीने से सात साल तक की सजा का प्रावधान किया गया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में होने वाली बैठक के बाद मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने फैसलों की जानकारी दी. प्रकाश जावड़ेकर ने बताया, डॉक्टरों और आरोग्यकर्मियों के खिलाफ अब किसी भी प्रकार की हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी. इसलिए स्वास्थ्यकर्मियों को संरक्षण देते हुए नया अध्यादेश लाया जा रहा है. अब स्वास्थ्यकर्मियों पर हमला संज्ञान लेने वाला और गैर जमानती होगा. इसमें कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है. हमलावरों को 3 माह से लेकर 5 साल तक की सजा हो सकती है. साथ ही 50 हजार से 2 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है. इस अध्यादेश को राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद लागू किया जाएगा.
उन्होंने बताया, अगर बहुत गंभीर हमला होता है तो 6 महीने से 7 साल की सजा हो सकती है. ऐसे मामलों में 1 लाख से 5 लाख तक का जुर्माना होगा. इसकी जांच 30 दिनों में होगी और इसका फैसला 1 साल में आएगा. गाड़ी या क्लीनिक के नुकसान पर मार्केट कॉस्ट का दोगुना हमलावरों से लिया जाएगा. जावड़ेकर ने बताया, 25 लाख N-95 मास्क हैं और ढाई करोड़ मास्क का ऑर्डर दिया गया है. सभी आरोग्यकर्मियों के परिवार का ख्याल सरकार रखना चाहती है.
https://archivehindi.gujaratexclsive.in/corona-reached-the-threshold-of-ministry-of-civil-aviation-ministry-seal-sealed/