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कोरोना की दवा बनाने की एक उम्मीद टूटी, ट्रायल में फेल हुआ रेमडेसिवयर

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खबर है कि कोरोना वायरस के संक्रमण में एक प्रभावी एंटी वायरल ड्रग मानव परीक्षण में फेल हो गई है. यह दवा पहले ही अचानक क्लिनिकल ट्रायल में फेल हो गई. इसे लेकर दुनिया भर में अच्छे नतीजे की उम्मीद थी. इस एंटी वायरल ड्रग का नाम रेमडेसिवयर है. चीनी ट्रायल में यह ड्रग नाकाम रही. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के दस्तावेजों से इसकी जानकारी मिली है.

रिपोर्ट के मुताबिक, कुल 237 मरीज़ों में से कुछ को वो ड्रग दी गई और कुछ को प्लेसीबो. एक महीने बाद ड्रग लेने वाले 13.9% मरीज़ों की मौत हो गई जबकि इसकी तुलना में प्लेसीबो लेने वाले 12.8% मरीज़ों की मौत हुई. साइड इफेक्ट के कारण ट्रायल को पहले ही रोक दिया गया. इस ड्रग के पीछे एक अमरीकी फर्म गिलिएड साइंस था.

हालांकि रेमडेसिवयर को बनाने वाली कंपनी Gilead Sciences ने WHO की अब डिलीट की जा चुकी पोस्ट में दिए नतीजों को नकारते हुए कहा है कि डेटा से ‘संभावित लाभ’ हुआ है. रिपोर्ट के अनुसार यह ट्रायल 237 मरीज़ों पर किया गया. इन मरीज़ों में से 158 को रेमडेसिवयर दी गई और बाक़ी के 79 को प्लेसीबो. एक महीने बाद रेमडेसिवयर लेने वाले 13.9% मरीज़ों की मौत हो गई और प्लेसीबो लेने वाले 12.8% मरीज़ों की.”

WHO ने ‘फाइनेंशियल टाइम्स’ को बताया कि ड्राफ्ट की समीक्षा जारी है, और यह गलती से समय से पहले प्रकाशित हो गया था. अमरीकी फर्म गिलिएड साइंस ने विश्व स्वास्थ्य संगठन की पोस्ट को लेकर विरोध जताया है. अमरीकी फर्म गिलिएड साइंस के एक प्रवक्ता ने कहा “हमारा मानना है कि इस पोस्ट में अध्ययन को लेकर जुड़ी अनुचित जानकारियां शामिल थीं.”

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