कोरोना वायरस संकट और लॉकडाउन के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दूसरी बार मन की बात के जरिए देशवासियों को संबोधित किया. अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में देश का हर नागरिक सिपाही है. उन्होंने देशवासियों को अक्षय तृतीया, रमजान की बधाई दी. उन्होंने लोगों से दो गज दूरी का पालन करने का अनुरोध किया. प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बार रमजान में पहले से ज्यादा इबादत करें ताकि ईद आने से पहले दुनिया कोरोना वायरस से मुक्त हो जाए.
मन की बात करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पिछले दिनों ही हमारे यहां बिहू, बैसाखी, पुथंडू, विशू, ओड़िया न्यू ईयर ऐसे अनेक त्योहार आए. हमने देखा कि लोगों ने कैसे इन त्योहारों को घर में रहकर, सादगी के साथ मनाया. लॉकडाउन के नियमों का पालन किया. इस बार हमारे ईसाई दोस्तों ने ईस्टर भी घर पर ही मनाया है. इस वैश्विक-महामारी, कोविड-19 के संकट के बीच आपके परिवार के एक सदस्य के नाते, और आप सब भी मेरे ही परिवार-जन हैं, तब कुछ संकेत करना, कुछ सुझाव देना, यह मेरा दायित्व भी बनता है.
रमजान को बनाएं सेवा भाव का प्रतीक
रमजान का भी पवित्र महीना शुरू हो चुका है. अब अवसर है इस रमजान को संयम, सद्भावना, संवेदनशीलता और सेवा-भाव का प्रतीक बनाएं. इस बार हम, पहले से ज्यादा इबादत करें ताकि ईद आने से पहले दुनिया कोरोना से मुक्त हो जाए. मुझे विश्वास है कि रमजान के इन दिनों में स्थानीय प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए कोरोना के खिलाफ चल रही इस लड़ाई को हम और मजबूत करेंगे.
पीएम मोदी ने कहा कि हमारे समाज में एक और बड़ी जागरूकता ये आई है कि सार्वजनिक स्थानों पर थूकने के क्या नुकसान हो सकते हैं. अब, ये थूकने की आदत छोड़ देनी चाहिए. ये बातें जहां बेसिक हाइजीन का स्तर बढ़ाएंगी, वहीं, कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने में भी मदद करेगी. ये सुखद संयोग ही है, कि, आज जब आपसे मैं मन की बात कर रहा हूं तो अक्षय तृतीया का पवित्र पर्व भी है साथियो, ‘क्षय’ का अर्थ होता है विनाश लेकिन जो कभी नष्ट नहीं हो, जो कभी समाप्त नहीं हो वो ‘अक्षय’.
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