देश में जारी कोरोना संकट के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को स्वंयसेवकों को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि संघ ने 30 जून तक अपने सभी कार्यक्रमों को स्थगित कर दिया है, लेकिन हम काम कर रहे हैं बस उसकी स्वरूप बदल गया है. साथ ही भागवत ने महाराष्ट्र के पालघर में साधुओं की हत्या पर दुख जताया.
मोहन भागवत ने कहा कि कार्यक्रम करना अपना काम नहीं है, काम ही अपना कार्यक्रम है. सेवा का काम आज बदल गया है. सब काम देख रहे हैं और हौसला बढ़ा रहे हैं. इस वक्त घर में ही रहकर प्रार्थना करें. अभी सबको घर में ही रहना होगा.
संघ प्रमुख ने कहा कि दोष रखने वाले लोग हर जगह होते हैं. ऐसे लोगों की कोई कमी नहीं है, जो दूसरों को उकसाते हैं. यही लोग डर और गुस्से में गलत हरकत करते हैं और सारे समुदाय-समूह को उसमें लपेट देते हैं. लेकिन ऐसी स्थिति में जिम्मेदार लोगों को अपने समुदायों-समूहों को बचाने की जरूत है. उनसे दूरी बनाना ठीक नहीं है.
भागवत ने कहा कि भड़काने वालों की कमी नहीं है और इसका फायदा लेने वाली ताकतें भी हैं. ऐसे में चरमपंथी कृत्यों को बढ़ावा मिलता है. देश में कोरोना महामारी बढ़ने की एक वजह ये भी रही है. माना जा रहा है कि भागवत का ये इशारा तब्लीगी जमात की ओर था. इस जमात के मरकज से निकलकर सैकड़ों की संख्या में लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. संघ प्रमुख ने कहा कि 130 करोड़ लोग अपने बंधू है, भारत के पुत्र हैं. इसे ध्यान में रखा जाना चाहिए. अफवाह फैलाने वालों से हमें बचना चाहिए.
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