राज्य में जारी कोरोना संकट के बीच महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी पर दबाव बनाते हुए महाराष्ट्र कैबिनेट ने एकबार फिर उनसे मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) मनोनीत करने की सिफारिश की. उद्धव ठाकरे ने पिछले साल 28 नवंबर को मुख्यमंत्री पद संभाला था और अब उन्हें पद पर बने रहने के लिए एक महीने के भीतर ही विधानमंडल का सदस्य बनना होगा. अब तक वह राज्य विधानसभा या विधान परिषद के सदस्य नहीं हैं.
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में फैसला लिया गया कि भगत सिंह कोश्यारी से विधान परिषद में राज्यपाल की ओर से मनोनीत किए जाने वाले दो सदस्यों में से एक सदस्य के तौर पर उद्धव ठाकरे को मनोनीत किए जाने की सिफारिश की जाए.
इससे पहले भी इस महीने की शुरुआत में मंत्रिमंडल की बैठक के बाद राज्यपाल से ऐसा ही निवेदन किया गया था. कोरोना वायरस महामारी की वजह से सभी चुनाव टाले जाने की वजह से ठाकरे चुनाव लड़कर विधायक नहीं बन पाए हैं. उद्धव ठाकरे को विधान परिषद में मनोनीत करने को लेकर अब तक कोश्यारी ने मंजूरी नहीं दी है. ऐसे में शिवसेना सांसद संजय राउत ने देरी को लेकर पार्टी के मुखपत्र सामना में लिखे लेख में रविवार को बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व पर निशाना साधा था.
मालूम हो कि देश में जारी कोरोना संकट से महाराष्ट्र सबसे ज्यादा प्रभावित है और यहां अब तक कुल 8590 मामले सामने आ चुके हैं. पिछले 24 घंटे में महाराष्ट्र में 522 नए मामले सामने आए हैं और 27 लोगों की मौत हुई है. महाराष्ट्र में अब तक 369 लोगों की इस वायरस के वजह से मौत हो चुकी है. अब तक राज्य में 1282 मरीज ठीक हो कर घर लौट चुके हैं. सिर्फ मुंबई में कोरोना मरीजों की संख्या 5776 है.
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